पूरे पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में जारी ‘‘शहीद समà¥à¤®à¤¾à¤¨ यातà¥à¤°à¤¾â€™â€™ के हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° जनपद पहà¥à¤‚चने पर आज रूड़की के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ नेहरू मैदान में सैनà¥à¤¯ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ मंतà¥à¤°à¥€, गणेश जोशी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शहीदों और उनके परिजनों को को तामà¥à¤°à¤ªà¤¤à¥à¤° और शॉल à¤à¥ˆà¤‚ट कर समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया। शहीद समà¥à¤®à¤¾à¤¨ यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान शहीदों के आंगन की पवितà¥à¤° मिटà¥à¤Ÿà¥€ को à¤à¥€ à¤à¤•à¤¤à¥à¤° किया गया।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
*देहरादून, 07 दिसमà¥à¤¬à¤°*, पूरे पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में जारी ‘‘शहीद समà¥à¤®à¤¾à¤¨ यातà¥à¤°à¤¾â€™â€™ के हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° जनपद पहà¥à¤‚चने पर आज रूड़की के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ नेहरू मैदान में सैनà¥à¤¯ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ मंतà¥à¤°à¥€, गणेश जोशी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शहीदों और उनके परिजनों को को तामà¥à¤°à¤ªà¤¤à¥à¤° और शॉल à¤à¥ˆà¤‚ट कर समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया। शहीद समà¥à¤®à¤¾à¤¨ यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान शहीदों के आंगन की पवितà¥à¤° मिटà¥à¤Ÿà¥€ को à¤à¥€ à¤à¤•à¤¤à¥à¤° किया गया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के दौरान शहीद नायक बचà¥à¤šà¥€à¤°à¤¾à¤® डोबरियाल, रायफलमैन मनोज सिंह, सिपाही महेनà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¾à¤² सिंह, सिपाही बà¥à¤°à¤¿à¤œà¤ªà¤¾à¤² सिंह, शौरà¥à¤¯ चकà¥à¤° विजेता हवलदार जयपाल सिंह, नायक राधेशà¥à¤¯à¤¾à¤®, सà¥à¤¬à¥‡à¤¦à¤¾à¤° राजे सिंह, सैपर पà¥à¤°à¤®à¥‹à¤¦ कà¥à¤®à¤¾à¤°, लांसनायक हरबीर गिरि तथा पारस नाथ के परिजनों को समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया। राजà¥à¤¯ के इतिहास में पहली बार सैनिक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ मंतà¥à¤°à¥€ गणेश जोशी की पहल पर सैनिक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ विà¤à¤¾à¤— तथा जिला पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ के सहयोग से शहीद समà¥à¤®à¤¾à¤¨ यातà¥à¤°à¤¾ संचालित की जा रही है। सैनà¥à¤¯à¤§à¤¾à¤® के निमारà¥à¤£ में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—ारà¥à¤¥ राजà¥à¤¯ के समसà¥à¤¤ 1734 शहीदों के आंगन की पवितà¥à¤° मिटà¥à¤Ÿà¥€ à¤à¤•à¤¤à¥à¤° की जा रही है। कैबिनेट मंतà¥à¤°à¥€ ने कहा कि, पतित पावनी, यà¥à¤— तारिणी मां गंगा के पावन, शीतल और अमृतमयी जल का आचमन करते हà¥à¤ जनपद के 09 अमर शहीदों को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करता हॅू। धान, गेहूं, गनà¥à¤¨à¤¾, तिलहन और दलहनों की लहलहाती फसलें और ताजे गà¥à¤¡ की मिठास देने इस कृषि पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की अलग ही महिमा है। यह धरती देश को खादà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥à¤¨, ही नहीं वरन देश और दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में अपनी तकीनीकी दकà¥à¤·à¤¤à¤¾ की छाप छोड़ने वाले आई0आई0टी0 जैसे संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ देती है। इंजीनियरिंग की यही आबो-हवा à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना के सबसे बड़े अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚तà¥à¤°à¤¿à¤•à¥€ और तकनीकी दकà¥à¤·à¤¤à¤¾ के बेड़े बंगाल इंजीनियरिंग का à¤à¥€ गॠहै। इस ससà¥à¤¯ शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤²à¤¾ धरा पर जब à¤à¥€ दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ की बà¥à¤°à¥€ नजरें पड़ी हैं, इस धरा ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठवीर-रणबांकà¥à¤°à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ उपजाया है। इस अवसर पर शहीदों और उनके सà¥à¤µà¤œà¤¨à¥‹à¤‚ को सà¥à¤®à¤°à¤£ करना चाहà¥à¤‚गा, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इन शहीदों की वीरता की निशानी के तौरपर अपने आंगन की पवितà¥à¤° मिटà¥à¤Ÿà¥€ हमें सौंपी है। सेना के जवान लगातार राषà¥à¤Ÿà¥à¤° रकà¥à¤·à¤¾ में तैनात रहते हैं और राषà¥à¤Ÿà¥à¤° रकà¥à¤·à¤¾ में अपने पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ की आहà¥à¤¤à¤¿ देने से कतराते नहीं à¤à¤¸à¥‡ वीर सैनिकों को वह नमन करते हैं, अपने पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ का बलिदान देने वाले यह वीर राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का गौरव हैं और किसी à¤à¥€ शहीद को वापस लाना उनके बस में नहीं है, लेकिन उनके समà¥à¤®à¤¾à¤¨ के लिठहमेशा से कारà¥à¤¯ करते रहे हैं और हमेशा करते रहेंगे। विशिषà¥à¤Ÿ अतिथि के तौर पर रà¥à¥œà¤•à¥€ विधायक पà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ª बतà¥à¤°à¤¾ à¤à¥€ इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मौजूद रहे। इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾, पà¥à¤°à¤µà¥€à¤¨ सिंधू, आदेश सैनी, शोà¤à¤¾à¤°à¤¾à¤® पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤ªà¤¤à¤¿, हरेनà¥à¤¦à¥à¤° गरà¥à¤—, करà¥à¤¨à¤² आरà¤à¤² थापा, जिला सैनिक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ अधिकारी, सैकड़ों पूरà¥à¤µ सैनिक à¤à¤µà¤‚ उनके परिजन à¤à¥€ मौजूद रहे।