पूजà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी महाराज से à¤à¥‡à¤‚ट कर आगामी मानस कथा के विषय में हà¥à¤ˆ चरà¥à¤šà¤¾ रूदà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· का पौधा à¤à¥‡à¤‚ट कर किया अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨, कथाओं के माधà¥à¤¯à¤® से जनसमà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ से संबंधित नई तकनीक से जोड़ना-सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤¯à¥‚रो
ऋषिकेश, 19 दिसमà¥à¤¬à¤°à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन में विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ मानस कथाकार शà¥à¤°à¥€ मà¥à¤°à¤²à¥€à¤§à¤° जी महाराज पधारे। परमारà¥à¤¥ गà¥à¤°à¥‚कà¥à¤² के आचारà¥à¤¯à¥‹ à¤à¤µà¤‚ ऋषिकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ ने शंख धà¥à¤µà¤¨à¤¿ और पà¥à¤·à¥à¤ª वरà¥à¤·à¤¾ कर उनका दिवà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। परमारà¥à¤¥ निकेतन गंगा तट पर जहां हजारों हजारों शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ शà¥à¤°à¥€ मà¥à¤°à¤²à¥€à¤§à¤° जी महाराज के मà¥à¤–ारविनà¥à¤¦ से होने वाली दिवà¥à¤¯ मानस कथा का शà¥à¤°à¤µà¤£ करने हेतॠआते हैं, जो विगत दो वरà¥à¤·à¥‹ से कोविड-19 के कारण समà¥à¤à¤µ नहीं हो रहा था, परनà¥à¤¤à¥ वरà¥à¤· 2022 मंे परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ à¤à¤µà¤‚ जल संरकà¥à¤·à¤£ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ मानस कथा का आयोजन पà¥à¤¨à¤ƒ किया जा रहा है ताकि जो शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ गंगा तट पर कथा शà¥à¤°à¤µà¤£ करने के लिये तरस रहे हैं, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ माठगंगा के तट पर आकर कथा शà¥à¤°à¤µà¤£ करने का अवसर पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो सके। मानस कथा के माधà¥à¤¯à¤® से शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की पà¥à¤¯à¤¾à¤¸ बà¥à¤à¥‡à¤—ी और गंगा के पावन तट पर सतà¥à¤¸à¤‚ग का पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ होगा। à¤à¤• माह तक चलने वाली मानस कथा का पूरे विशà¥à¤µ में लाइव पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ होता है ताकि वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾, सà¥à¤µà¤šà¥à¤› जल, नदियों का संरकà¥à¤·à¤£ और संवरà¥à¤¦à¥à¤§à¤¨ तथा नदियों को सà¥à¤µà¤šà¥à¤› और पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण मà¥à¤•à¥à¤¤ करने की तकनीक पर à¤à¥€ समय-समय पर चरà¥à¤šà¤¾ की जा सके। साथ ही शौचालय के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूकता, पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• मà¥à¤•à¥à¤¤ विशà¥à¤µ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£, वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£, बà¥à¤¤à¥‡ ई कचरे के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूकता, शाकाहारी जीवनचरà¥à¤¯à¤¾, कà¥à¤ªà¥‹à¤·à¤£, महिला सशकà¥à¤¤à¤¿à¤•à¤°à¤£, बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की शादी से पहले शिकà¥à¤·à¤¾, बाल विवाह के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूकता, नशा मà¥à¤•à¥à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤, à¤à¥à¤°à¥‚ण हतà¥à¤¯à¤¾ जैसे विषयों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जनसमà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को जागरूक किया जायेगा। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि कथाओं के माधà¥à¤¯à¤® से आतà¥à¤®à¤¿à¤• शानà¥à¤¤à¤¿ और आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• संदेशों के साथ हम शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को नई तकनीक से à¤à¥€ परिचित करवाते हैं। पà¥à¤°à¤¦à¥‚षित होती नदियों की दशा के बेहतर बनाने के लिये तथा उनमें गिरते गंदे नालों को परिशोधित करने हेतॠनई तकनीक, जल को सà¥à¤µà¤šà¥à¤› करने की मशीनें, कालोनियों का जल मल शोधित करने हेतॠविकेनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¤ à¤à¤¸ टी पी पà¥à¤²à¤¾à¤‚ट, धान की पराली को जलाने से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤¯à¥‡ वायॠपà¥à¤°à¤¦à¥‚षण को कम करने के लिये ’’à¤à¤—à¥à¤°à¥€ बोरà¥à¤¡â€™â€™ हरित बोरà¥à¤¡ बनाने हेतॠपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करना ताकि बà¥à¤¤à¥‡ वायà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‚षण तथा जल पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण को कम किया जा सके। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने बताया कि हम मानस कथा के माधà¥à¤¯à¤® से कई अदà¥à¤à¥à¤¤ à¤à¤µà¤‚ नवोदित आयामों à¤à¤µà¤‚ तकनीक से जनसमà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को परिचित करने की कोशिश करते हैं ताकि à¤à¤• सà¥à¤µà¤šà¥à¤›, सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° और पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण मà¥à¤•à¥à¤¤ विशà¥à¤µ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया जा सके। कथाकार मà¥à¤°à¤²à¥€à¤§à¤° जी ने कहा कि परमारà¥à¤¥ निकेतन उनके अपने घर की तरह है। यहां आकर पूजà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी महाराज के पावन सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ में मानस कथा का पाठकरना मेरे लिये गरà¥à¤µ का विषय है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कथा के माधà¥à¤¯à¤® से परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ का जो संदेश दिया वह अदà¥à¤à¥à¤¤ है। हमारी कोशिश रहती है कि पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• मानस कथा को परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करें ताकि हमारी धरा हरियाली से यà¥à¤•à¥à¤¤ सदा शà¥à¤¯à¤¾à¤®à¤²à¤¾ बनी रहे। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कथाकार मà¥à¤°à¤²à¥€à¤§à¤° जी को रूदà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· का पौधा à¤à¥‡à¤‚ट कर माठगंगा के पावन तट पर उनका दिवà¥à¤¯ अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨ किया।