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गांवों में निवेश व पूंजी का प्रवाह बढ़े ताकि स्वयं सहायता समूह आत्म निर्भर तथा मजबूत बनें-स्वामी यतीश्वरानंद


हरिद्वार में जिला प्रशासन और ग्राम्य विकास की ओर से मेडिकल कॉलेज मैदान जगजीतपुर कनखल हरिद्वार में राष्ट्रीय सरस मेला आयोजित कराया जा रहा है।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ ब्यूरो

हरिद्वार में जिला प्रशासन और ग्राम्य विकास की ओर से मेडिकल कॉलेज मैदान जगजीतपुर कनखल हरिद्वार में राष्ट्रीय सरस मेला आयोजित कराया जा रहा है। आज सोमवार को मेले का उद्घाटन उत्तराखंड के *ग्राम्य विकास मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद* ने किया इस राष्ट्रीय स्तर के मेले में देश भर से डेढ़ सौ से ज्यादा स्वयं सहायता समूह आए हुए हैं जिन्होंने अपने विभिन्न उत्पादों के स्टॉल लगाए हैं गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल झारखंड,सिक्किम, मणिपुर , पंजाब सहित देश के विभिन्न राज्यों के स्वयं सहायता समूह के प्रतिनिधियों ने इस 10 दिवसीय सरस मेले में शिरकत की, यह मेला 29 दिसंबर तक चलेगा इस मेले में ग्रामीण परिवेश से जुड़े कई उत्पाद और जैविक उत्पाद बिक्री के लिए लगाए गए हैं ताकि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के कार्य को और अधिक तेज गति दी जा सके इस अवसर पर उत्तराखंड के *ग्राम्य विकास मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद* ने कहा कि मेले के आयोजन का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराना है ताकि महिलाओं को घर बैठे अपने उत्पाद बनाने का अवसर मिले और उसका बाजार उन्हें स्थानीय जिला प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर मिल सके और उनके हुनर का प्रयोग राज्य और राष्ट्र के विकास में हो सके उन्होंने कहा कि सरस मेला हर साल राष्ट्रीय स्तर पर लगाया जाता है और इस बार उत्तराखंड में यह मेला लगाया जा रहा है जिससे उत्तराखंड के पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों के ग्रामीण परिवेश में रहने वाले स्वयं सहायता समूह को और अधिक बाजार मिलेगा उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्वयं सहायता समूह को विशेष आर्थिक सहायता देकर मजबूत किया है स्वयं सहायता समूह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है ग्राम्य विकास मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द ने कहा कि राष्ट्रीय सरस मेले का मुख्य उद्देश्य महिलाओं तथा उनके स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों आदि का ज्यादा से ज्यादा व्यापार कैसे बढ़े, इन्हें गांव के अन्दर ही रोजगार कैसे मिले तथा रोजगार के लिये इन्हें दूर न जाना पड़े, इसके लिये हमारी सरकार, इन्हें स्वावलम्बी बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हम निरन्तर प्रयत्नशील है कि गांवों में निवेश व पूंजी का प्रवाह बढ़े ताकि स्वयं सहायता समूह आत्म निर्भर तथा मजबूत बनें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्वयं सहायता समूहों को मजबूत बनाने के लिए 118 करोड़ रूपये की धनराशि देने का काम किया है। जो स्वयं सहायता समूह अपने कारोबार को बढ़ाने के लिये एक लाख से लेकर पांच लाख तक का ऋण लेना चाहते हैं, उन्हें राज्य सरकार ब्याज मुक्त ऋण मुहैया करा रही है। ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ने के लिये महिलाओं में निरन्तर जागरूकता बढ़ रही है। इसी का परिणाम है कि आज पूरे प्रदेश में पौने तीन लाख महिलायें ग्राम कलस्टरों से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि इनके उत्पाद की बिक्री बढ़ाने के लिये इनके उत्पाद को कम्पनी से जोड़ा जाय ताकि इन स्वयं सहायता समूहों को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि आने वाला समय स्वयं सहायता समूहों का है। उन्होंने कहा कि भविष्य में स्वयं सहायता समूह के उत्पादों की अधिक से अधिक मांग हो, इस दिशा में राज्य सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही राज्य सरकार एक शासनादेश जारी करने जा रही है जिसके माध्यम से सरकारी कार्यालयों में भी महिला स्वयं सहायता समूह के उत्पादों की खरीदारी की जायेगी। कैबिनेट मंत्री ने लोगों से अपील की कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाये गये स्टाॅलों में सभी प्रकार के उत्पाद मौजूद हैं तथा इनके उत्पादों की गुणवत्ता कम्पनियों द्वारा बनाये गये उत्पादों से भी बेहतर है। इसलिये अधिक से अधिक लोग इनकें स्टालों से गुणवत्तायुक्त व जैविक उत्पाद खरीदें। उन्होंने कहा कि हमारे गांव मजबूत होंगे, तो देश मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जिस तरह की अवस्थापना सुविधायें शहरों में होती है, उसी तरह की अवस्थापना सुविधायें गांवों में भी देने का प्रयास कर रही है। इस अवसर पर *मुख्य विकास अधिकारी डाॅ0 सौरभ गहरवार* ने बताया कि इस मेले में उत्तराखण्ड राज्य सहित अन्य आठ राज्यों के डे-एनआरएलएम योजनान्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के प्रदर्शन एवं विपणन हेतु प्रतिभाग किया जा रहा है। उन्होंने ये भी बताया कि राष्ट्रीय सरस मेले में कुल 148 स्टाल लगाये गये हैं, जिनमें से 73 स्टाल हरिद्वार जनपद के स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाये गये हैं तथा अन्य प्रदेशों- गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब, सिक्किम, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश द्वारा 21 स्टाल लगाये गये हैं। डाॅ0 सौरभ गहरवार ने यह भी जानकारी दी कि यदि कोई स्वयं सहायता समूह तथा माता बहनें दस दिन तक चलने वाले इस राष्ट्रीय सरस मेले में अपना कारोबार बढ़ाने के लिये स्टाल लगाने के इच्छुक हैं, तो वे न्यूनतम शुल्क देकर अपना स्टाल इस मेले में लगा सकते हैं। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि पिथौरागढ़, चम्पावत तथा चमोली आदि सुदूर क्षेत्रों की महिलायें भी अपने-अपने उत्पादों के साथ इस मेले में भाग ले रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने में हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई महिलायें अभूतपूर्व करके दिखायेंगी। उन्होंने कहा कि सरस मेले के दौरान सभी को कुछ न कुछ सीखने को जरूर मिलेगा तथा एक नये विश्वास का भी प्रादूर्भाव होगा। इस मौके पर परियोजना निदेशक आरसी तिवारी ने ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादित सामान का जिक्र करते हुये कहा कि ईमलीखेड़ा में ऊन का उत्पाद बहुतायत मात्रा में तैयार होता है। इसी तरह स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये गये हरिद्वार के प्रसाद की प्रशंसा सभी जगह होती है। उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य यही है कि गांव की महिलाओं की आमदनी बढ़े। ग्राम्य विकास मंत्री स्वामी यतीश्वरा नन्द ने राष्ट्रीय सरस मेले में भूमि स्वयं सहायता समूह नैनीताल, उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन,गोरखपुर, राजेश स्वयं सहायता समूह, देहरादून, महाराष्ट्र राज्य जीवन्नोति अभियान, गौरा देवी स्वयं सहायता अल्मोड़ा, एकता स्वयं सहायता समूह, हरिद्वार, जय दुर्गा स्वयं सहायता समूह, भगवान पुर, भूपेश्वर बाबा स्वयं सहायता समूह, चम्पावत, ब्रहमदेव स्वयं सहायता समूह, फिरोजाबाद, उजाला, स्वयं सहायता समूह, उधम सिंह नगर, जय भारत महिला समूह, देहरादून, शीतल अजीविका स्वयं सहायता समूह, उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, पौड़ी गढ़वाल, राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन, उत्तरकाशी आदि स्टालों का निरीक्षण किया तथा उनके द्वारा बनाये गये उत्पादों की भूरि-भूरि प्रशसा की। राष्ट्रीय सरस मेला परिसर पहुंचने पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द का मंत्रोच्चरण के बीच मंगल तिलक लगाकर तथा पुष्प वर्षा कर भव्य अभिनन्दन एवं स्वागत किया गया। समारोह में कैबिनेट मंत्री एवं गणमान्य अतिथियों को प्रतीक चिह्न भी भेंट किये गये। कार्यक्रम के प्रारम्भ में मां आनन्दमयी सेवा सदन स्कूल की संगीत अध्यापिका वन्दना शर्मा एवं बच्चों ने सरस्वती वन्दना एवं महर्षि विद्या मन्दिर, जगजीतपुर के बच्चों द्वारा गणेश वन्दना का प्रस्तुतीकरण किया गया। समारोह में संस्कृति निदेशालय के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं देश भक्ति पूर्ण गीत प्रस्तुत किये। मंच का सफल संचालन प्रकाश जोशी एवं विनोद कुमार ने किया। सहायक परियोजना निदेशक नलिनीत घिल्डियाल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर शेषराज सैनी, मिथलेश शर्मा, अमित, विवेक, राजेश, कर्ण सिंह, सत कुमार, नरेश आदि उपस्थित थे।

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