à¤à¤¸.à¤à¤®.जे.à¤à¤¨.;पी.जी. काॅलेज में आज काॅलेज पà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥ समिति के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤¨à¥à¤¤ लखन गिरि जी महाराज की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ शोधॠकेनà¥à¤¦à¥à¤°, देहरादून à¤à¤µà¤‚ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° नागरिक मंच के संयà¥à¤•à¥à¤¤ ततà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¾à¤¨ में à¤à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संगोषà¥à¤ ी का आयोजन किया गया जिसमें उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजà¥à¤¯ के विशेष सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤ में जल संरकà¥à¤·à¤£ हेतॠकिये जा रहे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ व तकनीकों से जागरà¥à¤• किया गया।
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ à¤à¤¾à¤°à¤¤
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 28 दिसमà¥à¤¬à¤°, 2019, à¤à¤¸.à¤à¤®.जे.à¤à¤¨.;पी.जी. काॅलेज में आज काॅलेज पà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥ समिति के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤¨à¥à¤¤ लखन गिरि जी महाराज की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ शोधॠकेनà¥à¤¦à¥à¤°, देहरादून à¤à¤µà¤‚ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° नागरिक मंच के संयà¥à¤•à¥à¤¤ ततà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¾à¤¨ में à¤à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संगोषà¥à¤ ी का आयोजन किया गया जिसमें उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजà¥à¤¯ के विशेष सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤ में जल संरकà¥à¤·à¤£ हेतॠकिये जा रहे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ व तकनीकों से जागरà¥à¤• किया गया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ वनà¥à¤¦à¤¨à¤¾ व दà¥à¤µà¥€à¤ª पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर किया गया। काॅलेज के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डाॅ. सà¥à¤¨à¥€à¤² कà¥à¤®à¤¾à¤° बतà¥à¤°à¤¾, कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® संयोजक डाॅ. संजय माहेशà¥à¤µà¤°à¥€ व डाॅ. शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ पाठक आदि दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¤à¥€ अतिथियों का मालà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤ªà¤£ कर à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ संरकà¥à¤·à¤£ सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ चिनà¥à¤¹ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया गया। कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ शोधॠकेनà¥à¤¦à¥à¤° देहरादून के डाॅ. à¤à¤¾à¤µà¤¤à¥‹à¤· शरà¥à¤®à¤¾ ने कहा कि विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¸à¤‚धान की गतिविधà¥à¤¯à¤¿à¥‹à¤‚ को सà¥à¤šà¤¾à¤°à¥‚ रूप से चलाया जाता है। विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को हमारी संसà¥à¤¥à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ दिया जाता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जल संरकà¥à¤·à¤£ पर विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ नीतियां व उनकी शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¤à¤¾ पर विशेष धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देने के साथ ही कमà¥à¤ªà¥à¤¯à¥‚टर विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ पर à¤à¥€ कारà¥à¤¯ किया जा रहा है। कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के विषय विशेषजà¥à¤ž पà¥à¤°à¥‹. आई.पी. पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯ ने जानकारी देते हà¥à¤ कहा कि हमारी जीवन की पूरी दिनचरà¥à¤¯à¤¾ ही जल से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ होकर जल पर ही समापà¥à¤¤ होती है, किसी à¤à¥€ कारà¥à¤¯ के लिठहमें उचित मातà¥à¤°à¤¾ में ही जल का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करना चाहिà¤à¥¤ जल की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ हमारे घर से ही पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ होती है। कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के की-नोट सपीकर पà¥à¤°à¥‹. बी.डी. जोशी ने समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि जल संरकà¥à¤·à¤£ के लिठहमें पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वसà¥à¤¤à¥ का संरकà¥à¤·à¤£ करना चाहिà¤à¥¤ जीवन की दिनचरà¥à¤¯à¤¾ में जल का उचित पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करके जल संरकà¥à¤·à¤£ का किया जा सकता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि सामाजिक सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को जल संरकà¥à¤·à¤£ पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना चाहिà¤, सà¥à¤•à¥‚ल, मनà¥à¤¦à¤¿à¤°, बैंक, आशà¥à¤°à¤®, काॅलोनी आदि सà¤à¥€ जगहों पर हमें पूरà¥à¤£ रूप से सहयोग देना चाहिà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सà¤à¥€ महानà¥à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ से आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ किया कि राजà¥à¤¯ सरकार की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ योजनाओं में हिसà¥à¤¸à¤¾ लेकर हम जल संरकà¥à¤·à¤£ कर सकते हैं। पà¥à¤°à¥‹. जोशी ने कहा कि आमतौर पर मनà¥à¤·à¥à¤¯ नालियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सीधे जल को नदी में छोड़ देता है, जबकि आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ इस बात की है कि मनà¥à¤·à¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किये हà¥à¤ जल को जमीन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ कराना चाहिà¤à¥¤ मैती आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ के पà¥à¤°à¥‡à¤£à¤¤à¤¾ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ सिंह रावत ने अपने समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में कहा कि जल की समसà¥à¤¯à¤¾ सिरà¥à¤« à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लिठही नहीं अपितॠसमà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤µ में फैली हà¥à¤ˆ है। जल के तीन रूप-तरल, वाषà¥à¤ª व ठोस जो पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤µà¤¶ अपनी उपयोगिता को समय समय पर दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¤¾ है। à¤à¤• नदी का महतà¥à¤µ सिरà¥à¤« उसके कारण नहीं है बलà¥à¤•à¤¿ छोटे-छोटे सà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¤‚ के सहयोग से उसका असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ बना रहता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ धरà¥à¤®à¤¿à¤• परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• सà¥à¤¥à¤² हिमालय की उचà¥à¤šà¤¤à¤® शà¥à¤°à¥‡à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¥‡ में विराजमान हैं। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में धारà¥à¤®à¤¿à¤• यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान धारà¥à¤®à¤¿à¤• तीरà¥à¤¥à¤¾à¤Ÿà¤¨ करने वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ यहाठपर पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के जल, जमीन à¤à¤µà¤‚ आॅकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ से अपने रोगों को दूर करते थे, कà¥à¤¯à¤¾à¥‹à¤‚कि वहाठबिलà¥à¤•à¥à¤² à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण नहीं था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जल व जंगल को तà¤à¥€ बचा सकेंगे जब हम सà¥à¤µà¤¯à¤‚ जमीन से जà¥à¥œà¥‡ रहेंगे। काॅलेज के पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ पà¥à¤°à¥‹. पी.à¤à¤¸. चौहान ने समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि मानव शरीर में लगà¤à¤— 75 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ जल की मातà¥à¤°à¤¾ है। ठीक इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° हमारी पृथà¥à¤µà¥€ में à¤à¥€ लगà¤à¤— 72 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ जल की मातà¥à¤°à¤¾ विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ हे। इसका सनà¥à¤¤à¥à¤²à¤¨ बिगड़ते ही जल पर संकट आना सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है। पà¥à¤°à¥‹. चौहान ने जल संरकà¥à¤·à¤£ के लिठवृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ करना व तालाबों की योजना बनाना à¤à¥€ आवशà¥à¤¯à¤• है। पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डाॅ. अवनीत कà¥à¤®à¤¾à¤° घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤² ने जल संरकà¥à¤·à¤£ का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ कहा कि पृथà¥à¤µà¥€ पर जल की मातà¥à¤°à¤¾ दिन-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ कम होती जा रही है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जल अमूलà¥à¤¯ संसाधन है जिसके बिना जीवमणà¥à¤¡à¤² का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¤µà¤‚ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की अनेक कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ समà¥à¤à¤µ नहीं है। डाॅ. घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤² ने कहा कि जल का संचय विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ से किया जा सकता है जिसमें वरà¥à¤·à¤¾ जल के संचय दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾, तालाबों की जलधरण कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ में वृदà¥à¤§à¤¿, अनà¥à¤•à¥‚लतम जल संसाधन उपयोग हेतॠजागरà¥à¤•à¤¤à¤¾, जल सà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¤‚ के समीप टà¥à¤¯à¥‚बवेल आदि के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ पर रोक, जलोपचार आदि मà¥à¤–à¥à¤¯ है।