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चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों से युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश


जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों से युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा है कि तीर्थयात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि को देखते हुए विभाग दीर्घकालीन महत्व की योजनाओं के निर्माण और यात्री सुविधाओं के विस्तार पर भी पर्याप्त ध्यान दें।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

उत्तरकाशी, 26 अप्रैल 2024, जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों से युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा है कि तीर्थयात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि को देखते हुए विभाग दीर्घकालीन महत्व की योजनाओं के निर्माण और यात्री सुविधाओं के विस्तार पर भी पर्याप्त ध्यान दें। जिलाधिकारी ने यात्रा के दौरान प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने के लिए भी संबंधित विभागों एवं संगठनों से मिलजुल कर कारगर कदम उठाने की अपेक्षा की। चारधाम यात्रा को लेकर जिला मुख्यालय पर आयोजित एक बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि यात्रा शुरू होने में अब काफी कम समय बचा है, लिहाजा सभी विभाग सर्वोच्च प्राथमिकता व टीमभावना के साथ यात्रा की तैयारियों को समयबद्ध ढंग से पूरा करें। जिलाधिकारी ने गंगोत्री-यमुनोत्री धाम व यात्रा मार्गों पर सफाई, विद्युतीकरण आदि से संबंधित कार्यों को अविलंब पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी विभाग नियमित रूप से यात्रा के जुड़े कार्यों की प्रगति के फोटोग्राफ्स उपलब्ध कराएं। जिलाधिकारी ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर साल बढती जा रही है, लिहाजा यात्रा से जुड़ी योजनाओं और व्यवस्थाओं का नियोजन व निर्माण भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया जाना जरूरी है। उन्होंने वन विभाग से यमुनोत्री के लिए वैकल्पिक पैदल मार्ग की संभावना तलाशे जाने की अपेक्षा करते हुए कहा कि अन्य विभाग भी आने वाले सालों की जरूरतों को ध्यान में रख अभी से योजनाएं तैयार करने पर ध्यान दें। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने यात्रा मार्गों पर प्लास्टिक का चलन रोकने के लिए क्यूआर कोड लगाकर पानी व शीतल पेयों की बोतलों को दस रूपये की राशि जमा कर बेचने और खाली बोतल की वापसी पर यह धनराशि लौटाए जाने के डीआरएस सिस्टम को उपयोगी बताते हुए इसे अधिक प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को अधिक व्यापक व कारगर बनाने के लिए रिसाईकल कंपनी तथा जिला पंचायत एवं जिले के नगर निकायों को मिलजुलकर उपयुक्त समाधान एवं साझेदारी की प्रक्रिया निर्धारित करनी होगी।

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