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ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में चिकित्सा पेशेवरों को दिया गया प्रशिक्षण


“एडवान्सिस इन फंगक्शनल इमेजिंग एंड थेरानोस्टिक्स इन ऑनकोलॉजी” विषय पर दो दिवसीय सीएमई विधिवत संपन्न हो गई। कार्यक्रम में ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में चिकित्सा पेशेवरों को संबंधित विषय पर प्रशिक्षित किया गया।

रिपोर्ट  - अंजना भट्ट घिल्डियाल

एम्स, ऋषिकेश के नाभिकीय औषधि (न्यूक्लियर मेडिसिन) विभाग के तत्वावधान में इंडियन कॉलेज ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन (आईसीएनएम) और सोसाइटी ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन इंडिया (एसएनएमआई) के अंतर्गत “एडवान्सिस इन फंगक्शनल इमेजिंग एंड थेरानोस्टिक्स इन ऑनकोलॉजी” विषय पर दो दिवसीय सीएमई विधिवत संपन्न हो गई। कार्यक्रम में ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में चिकित्सा पेशेवरों को संबंधित विषय पर प्रशिक्षित किया गया। संस्थान के नाभिकीय औषधि मेडिसिन विभाग में आयोजित "ऐडवान्सिस इन फंगक्शनल इमेजिंग एंड थेरानोस्टिक्स " पर केंद्रित अपने सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) का एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह, डीन एकेडमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी व चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर एसके मित्तल ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर आयोजन समिति की अध्यक्ष प्रोफेसर मनीषी एल. नारायण, आयोजन सचिव डॉ. वंदना के. ढींगरा व आयोजन सह सचिव डॉ. विवेक के. सैनी और डॉ. विजय सिंह विशेषरूप से उपस्थित रहे। बताया गया है कि सीएमई के माध्यम से ऋषिकेश के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में नए चिकित्सकों, एमडी, डीएम, एमसीएच फेलो, ऑन्कोलॉजिस्ट कैंसर रोग विशेषज्ञ और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों के प्रशिक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करने का कार्य किया है। इस अवसर पर संस्थान की न्यूक्लियर मेडिसिन विभागाध्यक्षा प्रोफेसर मनीषी एल. नारायण ने बताया सीएमई में देशभर से 15 से अधिक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संकाय और न्यूक्लियर मेडिसिन के प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किये गये, साथ ही विशेषज्ञों ने न्यूक्लियर मेडिसिन इमेजिंग और थेरानोस्टिक्स की नवीनतम प्रगति पर पैनल चर्चा में भाग लिया।

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