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आपदाओं की संवेदनशीलता के दृष्टिगत रासायनिक आपदा विषय पर 11-12 फरवरी को माॅक अभ्यास


राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण भारत सरकार के सहयोग से राज्य आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा जनपद हरिद्वार में औद्योगिक आपदाओं की संवेदनशीलता के दृष्टिगत रासायनिक आपदा विषय पर 11-12 फरवरी को माॅक अभ्यास के पूर्व आज कलेक्ट्रेट सभागार रोशनाबाद में आॅरयंटेशन कम काॅर्डिनेशन काॅन्फ्रेन्स में आईआरएस सिस्टम के अंतर्गत आॅपरेशन सेक्शन एवं प्लानिंग सेक्शन के विभागीय अधिकारी/कार्मिकों, सैन्य, अर्द्धसैन्य बल, बीईजी, पीएसी, सीआईएसएफ, होम गार्ड, आपदा मित्रों के साथ-साथ सात सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया गया।

रिपोर्ट  - à¤†à¤² न्यूज़ भारत

हरिद्वार। राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण भारत सरकार के सहयोग से राज्य आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा जनपद हरिद्वार में औद्योगिक आपदाओं की संवेदनशीलता के दृष्टिगत रासायनिक आपदा विषय पर 11-12 फरवरी को माॅक अभ्यास के पूर्व आज कलेक्ट्रेट सभागार रोशनाबाद में आॅरयंटेशन कम काॅर्डिनेशन काॅन्फ्रेन्स में आईआरएस सिस्टम के अंतर्गत आॅपरेशन सेक्शन एवं प्लानिंग सेक्शन के विभागीय अधिकारी/कार्मिकों, सैन्य, अर्द्धसैन्य बल, बीईजी, पीएसी, सीआईएसएफ, होम गार्ड, आपदा मित्रों के साथ-साथ सात सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का उद््देश्य इंसीडंेट रिस्पाॅन्स सिस्टम (आईआरएस) के तहत नामित अधिकारियों को अपने-अपने कार्य दायित्वों के बारे में स्पष्ट जानकारी प्रदान करना तथा आपदा की स्थिति में तत्काल एक्शन लेकर टीम बनाकर किस तरह कार्य किया जाना है, जानकारी दी गयी। कार्यशाला में आईआरएस स्पेशलिस्ट श्री बी.बी. गणनायक ने टेªनिंग देते हुए कहा कि आपदा के समय आपके पास उपलब्ध संसाधन ही आपके काम आयेंगे, इसलिए अपने पास उपलब्ध संसाधनों की पूर्णं जानकारी होनी चाहिए। प्रत्येक विभाग को अपनी भूमिका एवं कार्यांे की पूर्णं जानकारी होनी चाहिए। आपदा के दौरान विभिन्न विभागों के साथ-साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं, महिला मंगल दलों आदि की भी महत्वपूर्णं भूमिका रहती है। माॅक ड्रिल के समय बनाये गये रिलीफ कैम्प में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का डाटा मेंटेंन रखा जाए, चिकित्सा विभाग द्वारा मेडिकल कैम्प में आने वाले तथा चिकित्सीय सुविधा प्राप्त करने वालों का डाटा मेंटेन रखा जाए, माॅक ड्रिल हेतु बनाये जाने वाले पूछताछ केन्द्र में विभिन्न आपदाओं से सम्बन्धित फोटोग्राफ प्रदर्शित करें। यदि किसी प्रकार के गैस रिसाव की सूचना मिलती है, तो मानव एवं पशु हानि को रोकने के लिए एडवाइजायरी जारी की जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य शिविरों में हेल्प डेस्क, क्राउड मैनेजमेंट की रिहर्सल अच्छी प्रकार से होने पर ही वास्तविक घटना के समय आईआरएस सिस्टम को चैक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि माॅकड्रिल को देखने के लिए जनपद देहरादून से भी एक टीम आयेगी। आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ श्री बीबी गणनायक ने आपदा के दौरान होने वाली हानि को कम करने के लिए सभी को प्री प्लानिंग तथा तैयारी के विषय पर सम्बोधन दिया। उन्होंने इस विषय पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन के माध्यम से जागरूक किया। श्री गणनायक ने किसी प्रकार की आपदा के समय में जिला प्रशासन तथा इंसीडिंट रिस्पान्स टीम के साथ साथ औद्योगिक इकाईयों की जिम्मेदारी भी स्पष्ट रूप से बतायी। उन्होंने कहा कि सभी इण्डस्ट्री अपने यहां प्रयोग होने वाले रासायनिकों तथा गैस आदि की विस्तृत डिटेल से जिला प्रशासन को अवगत कराये। कार्यशाला के दौरान सीएमओ हरिद्वार श्रीमती सरोज नैथानी ने कोरोना वायरस के लक्षण एवं बचाव की भी जानकारी दी। कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार श्री विनीत तोमर, डीडीओ श्री पुष्पेन्द्र चैहान, एसडीएम रूड़की श्री गोपाल सिंह चैहान, वरिष्ठ कोषाधिकारी हरिद्वार नीतू भंडारी, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी श्रीमती मीरा कैन्तुरा, पीडी डीआरडीए, महाप्रबन्धक जिला उद्योग श्रीमती अंजनी रावत नेगी, डीएसटीओ हरिद्वार पूरण सिंह तोमर, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री मुकुल चैधरी, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी श्री मनीष तिवारी, सहायक कमांडेट पीएसी श्री वीरेन्द्र डबराल, बीईजी से सूबेदार ऋषिपाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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