हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° मायापà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ निरंजनी अखाड़ा पंचायती में साधिका साधà¥à¤µà¥€ संजनाननà¥à¤¦ गिरि को पंचायती अखाड़ा शà¥à¤°à¥€ निरंजनी का महामंडलेशà¥à¤µà¤° बनाया गया है। गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को अखाड़े के पंचपरमेशà¥à¤µà¤°à¥‹à¤‚ की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ और आचारà¥à¤¯ पीठाधीशà¥à¤µà¤° की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में साधà¥à¤µà¥€ संजनाननà¥à¤¦ गिरि का महामंडलेशà¥à¤µà¤° पद पर पटà¥à¤Ÿà¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• किया गया। आचारà¥à¤¯ पीठाधीशà¥à¤µà¤° कैलाशननà¥à¤¦ गिरि, सचिव à¤à¤µà¤‚ अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविंदà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ ने साधà¥à¤µà¥€ संजनाननà¥à¤¦ गिरि का विधि विधान से तिलक चादर और मालà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤ªà¤£ कर महामंडलेशà¥à¤µà¤° पद पर आसीन किया।
रिपोर्ट - विकास शरà¥à¤®à¤¾ (हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°)
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 25 अगसà¥à¤¤ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° मायापà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ निरंजनी अखाड़ा पंचायती में साधिका साधà¥à¤µà¥€ संजनाननà¥à¤¦ गिरि को पंचायती अखाड़ा शà¥à¤°à¥€ निरंजनी का महामंडलेशà¥à¤µà¤° बनाया गया है। गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को अखाड़े के पंचपरमेशà¥à¤µà¤°à¥‹à¤‚ की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ और आचारà¥à¤¯ पीठाधीशà¥à¤µà¤° की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में साधà¥à¤µà¥€ संजनाननà¥à¤¦ गिरि का महामंडलेशà¥à¤µà¤° पद पर पटà¥à¤Ÿà¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• किया गया। आचारà¥à¤¯ पीठाधीशà¥à¤µà¤° कैलाशननà¥à¤¦ गिरि, सचिव à¤à¤µà¤‚ अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविंदà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ ने साधà¥à¤µà¥€ संजनाननà¥à¤¦ गिरि का विधि विधान से तिलक चादर और मालà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤ªà¤£ कर महामंडलेशà¥à¤µà¤° पद पर आसीन किया। कैलाशानंद गिरि ने कहा कि महामंडलेशà¥à¤µà¤° साधà¥à¤µà¥€ सजनानंद गिरि मां कामाखà¥à¤¯à¤¾ की बड़ी साधक हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपना संपूरà¥à¤£ जीवन देश व समाज की सेवा में समरà¥à¤ªà¤£ किया है। साधà¥à¤µà¥€ नारी शकà¥à¤¤à¤¿ के लिठबड़ी पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि महामंडलेशà¥à¤µà¤° पद पर आसीन होकर साधà¥à¤µà¥€ संजनाननà¥à¤¦ गिरि निरंजनी अखाड़े की परंपराओं को देश à¤à¤° में फैलाने का काम करेंगी। आनंद अखाड़े के आचारà¥à¤¯ महामंडलेशà¥à¤µà¤° बालकानाननà¥à¤¦ गिरि ने साधà¥à¤µà¥€ को शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤‚ दीं। पटà¥à¤Ÿà¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• अवसर पर शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविंदà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ ने कहा कि साधà¥à¤µà¥€ निरंजनी अखाड़े की परंपराओं के साथ ही सनातन धरà¥à¤® और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संरकà¥à¤·à¤£ और संवरà¥à¤§à¤¨ के लिठसमरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ à¤à¤¾à¤µ से अपनी सेवा देकर शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को सनातन धरà¥à¤® के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूक करेंगी। पंडित शिव नारायण शरà¥à¤®à¤¾, मोहन चंद पांडेय, पंकज जोशी, हरिओम नौटियाल ने मंतà¥à¤°à¥‹à¤šà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ कर विधि-विधान से पटà¥à¤Ÿà¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• संपनà¥à¤¨ कराया।