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भारतीय संस्कृति देती है मानव के गरिमापूर्ण जीवन का संदेश - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


स्वामी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को याद करते हुये कहा कि उन्होंने भारत को एकात्म मानववाद का जो सूत्र दिया वह हर युग के लिये प्रासंगिक है क्योंकि यह व्यक्ति एवं समाज की आवश्यकता को संतुलित करते हुए प्रत्येक मानव को गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने का संदेश देता है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 25 अगस्त। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और राष्ट्रीय, अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी, जे. पी. नड्डा की दिल्ली में भेंटवार्ता हुई। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और नड्डा की भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार, उत्तराखंड से हो रहे पलायन, महिला सशक्तिकरण तथा सर्वधर्म सद्भाव आदि विषयों पर चर्चा हुई। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि आजादी का 75 वां अमृत महोत्वस के अवसर पर भारत में अप्रत्याशित कार्य सम्पन्न हुये। इस अवसर पर स्वामी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को याद करते हुये कहा कि उन्होंने भारत को एकात्म मानववाद का जो सूत्र दिया वह हर युग के लिये प्रासंगिक है क्योंकि यह व्यक्ति एवं समाज की आवश्यकता को संतुलित करते हुए प्रत्येक मानव को गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने का संदेश देता है। साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के संधारणीय उपभोग का भी समर्थन करता है ताकि वे संसाधन भावी पीढ़ियों के लिये भी सुरक्षित रह सके। स्वामी जी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को गरिमापूर्ण जीवन प्रदान कराना है एवं ‘अंत्योदय’ का मंत्र प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक सुधार का संदेश देता है। अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी, श्री जे. पी. नड्डा जी जी ने कहा कि पूज्य स्वामी जी महाराज का आज पावन सान्निध्य प्राप्त हुआ। ज्ञान-विज्ञान व अध्यात्म की समृद्ध परम्परा को साथ लेते हुये विश्व कल्याण एवं नए भारत के निर्माण में पूज्य स्वामी जी महाराज का अलुल्यनीय योगदान हैं। नड्डा जी ने कहा कि स्वामी जी महाराज भारतीय संस्कृति और संस्कारों के प्रचार-प्रसार के साथ ही पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अद्भुत कार्य कर रहे हैं। परमार्थ गंगा आरती वसुधैव कुटुम्बकम् का अनुपम संदेश देती है।

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