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आज तीर्थ नगरी हरिद्वार में होली का पावन त्यौहार धूमधाम से मनाया


होली के अवसर पर लोगों ने एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर गले लगाकर होली मनाई व बच्चों व युवाओं में मस्ती छाई रही सड़कों पर चलते राहगीरों पर गुब्बारे व रंग फैकते रहें ।

रिपोर्ट  - à¤†à¤² न्यूज भारत

आज होली के अवसर पर लोगों ने एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर गले लगाकर होली मनाई व बच्चों व युवाओं में मस्ती छाई रही सड़कों पर चलते राहगीरों पर गुब्बारे व रंग फैकते रहें । आज सुबह से ही होली की तैयारियां शुरू हो गई थी। भारतीय इतिहास के मुताबिक होली के त्योहार का बड़ा महत्व है। होलिका दहन के बाद रात को आध्यात्मिक दृष्टि से लोगों ने पूजा अर्चना की व हाेलिका दहन के बाद हुरियारे रंग-गुलाल से जगह जगह होली खेलते नजर आए व डीजे की धुन के बीच नाचते-गाते रहे हुरियारे अलग-अलग टोलियों बना कर तीर्थ नगरी में होली मना रहे थे। पौराणिक कथाओं के मुताबिक होली का पर्व हिरण्यकश्यप से जुड़ा हुआ है। हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु के भक्त थे। लेकिन, उनके पिता इस भक्ती से खुश नहीं थे। हिरण्यकश्यप कई प्रयास के बाद भी प्रह्लाद भगवान ने विष्णु की भक्ति नहीं छोड़ी। अंत में हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद भगवान को मारने के लिए योजना बनाई। हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन की गोद में प्रह्लाद को बैठाकर अग्नि के हवाले कर दिया। इसमें होलिका जलकर भस्म हो गई, लेकिन भक्त प्रह्लाद को आंच तक नहीं आई । इसके बाद होली मनाने की परंपरा शुरू हुई । तीर्थ नगरी में होली का त्योहार शांतिपूर्ण रहा।

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