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मानव संसाधन मंत्री निशंक की पुत्री आरुशी दे रही फ़ेस मास्क बनाने की प्रेरणा।


हालांकि मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक लॉकडाउन के मद्देनजर ऑनलाइन शिक्षा प्रकल्प पर काम करने में व्यस्त हैं, ताकि छात्रों को चल रही तालाबंदी के दौरान शिक्षा कार्य प्रभावित न हों वही उनकी पुत्री आरुषि स्वैच्छिक फेस मास्क बनाने के अभियान में व्यस्त है।

रिपोर्ट  - à¤†à¤² न्यूज भारत

हरिद्वार ,ऑल न्यूज़ ब्यूरो, हालांकि मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक लॉकडाउन के मद्देनजर ऑनलाइन शिक्षा प्रकल्प पर काम करने में व्यस्त हैं, ताकि छात्रों को चल रही तालाबंदी के दौरान शिक्षा कार्य प्रभावित न हों वही उनकी पुत्री आरुषि स्वैच्छिक फेस मास्क बनाने के अभियान में व्यस्त है। स्पर्श गंगा अभियान की राष्ट्रीय संयोजक व गंगा संरक्षण अभियान से जुड़ी आरुषि पोखरियाल स्वयं घर पर बने चेहरे के मास्क सिलाई कर रही हैं और इस अभियान में सैकड़ों की संख्या में स्पर्श गंगा से जुड़ी महिला सदस्यों और कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय कर रही हैं। फेस मास्क की भारी मांग का हवाला देते हुए, विशेष रूप से लॉकडाउन प्रतिबंधों के बाद भी अगर ढील दी जाती है, आरुषि ने टिप्पणी की कि सार्वजनिक आवगमन के लिए मास्क अनिवार्य हैं। इसलिए हमें बड़े पैमाने पर घर से बने मास्क को वृहद स्तर पर आवश्यकता है। पहले से ही जिले भर की महिलाओं ने ग्यारह हजार फेस मास्क एकत्र कर लिये हैं जो पुलिस,स्वास्थ्य, स्वच्छता कर्मियो और यहां तक ​​कि सेना के जवानों को भी मुहैया कराए जा रहे हैं। अपने दिल्ली स्थित आवास पर एक सूती कपड़े के मुखौटे की सिलाई करते हुए, आरुषि ने बताया की कम से कम घर पर रहने के दौरान हम कोविद -19 फ़्रंट लाईन कार्यकर्ताओं को चेहरा मास्क प्रदान करके उनके साथ इस लड़ाई में अप्रत्यक्ष योगदान दे सकते हैं। स्पर्श गंगा अभियान की हरिद्वार जिला वॉलंटियर रीता चमोली ने कहा कि राष्ट्र में योगदान देने के लिए सौ से अधिक स्वयंसेवक पिछले दस दिनों से फेस मास्क बना रहे हैं। कपड़े के कच्चे माल की खरीद में कठिनाई का हवाला देते हुए, रीता ने कहा कि यदि सरकार या स्थानीय प्रशासन इस पहलू में छूट प्रदान करते हैं, तो महिला स्वयंसेवकों द्वारा मुखौटा उत्पादन दोगुना हो सकता है। महाकुंभ मेला पुलिस बल के प्रभारी जनमेजय खंडूरी, जिन्हें हाल ही में इन महिला कार्यकर्ताओं द्वारा एक हजार मास्क सौंपे गए , ने यह कहते हुए इस प्रयास की सराहना की कि यह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोविद विरोधी अभियानों में शामिल प्रत्येक कर्मियों को प्रेरित करता है। पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण न इस प्रयास की सराहना करते हूए आरुशी व सभी महिला स्वयं सेवीकाओ की प्रशंसा की।स्पर्श गंगा की वरिष्ठ स्वयंसेविक,मनु रावत, जो दैनिक आधार पर मास्क बना रही हैं,के अनुसार , "कोविद -19 के खिलाफ लड़ाई लंबे समय तक चलनी है, इसलिए हमें नियमित आधार पर फेस मास्क पहनने की जरूरत है, अगर हमें कच्चा माल मुहैया कराया जाए तो ज्यादा से ज्यादा जरुरतमंद महिलाओं को रोजगार भी उप्लब्ध हो जायेगा।

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