""इस योजना के तहत हरिद्वार के तीनों प्रमुख धार्मिक स्थल, हर की पैड़ी क्षेत्र, मां मनसा देवी मंदिर क्षेत्र, मां चंडी देवी मंदिर क्षेत्र सहित कनखल के सती कुंड, सन्यास रोड़ और संत बाहुल्य क्षेत्र भूपतवाला आदि को विकसित किया जाएगा. ताकि तीर्थ नगरी में देश-विदेश से आने वाले आस्थावान तीर्थ यात्रियों को सुचारू सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
रिपोर्ट - अजय शर्मा
हरिद्वार: तीर्थ नगरी को "काशी विश्वनाथ" की तर्ज पर विकसित करने की योजना बन रही है. इस हेतु देवभूमि उत्तराखंड की कैबिनेट ने भी अपनी संवैधानिक मंजूरी दे दी है. जिला अधिकारी विनय शंकर पांडे के अनुसार कॉरीडोर विकसित करने के लिए "मेकेनाइज संस्था" कॉरीडोर के कार्यों को अंतिम रूप दे रही है""" """कॉरिडोर का मुख्य उद्देश्य: ""तीर्थ नगरी को खूबसूरत बनाना है डीएम स्पष्ट कर चुके हैं की कॉरिडोर विकसित करने के लिए अतिक्रमण को तोड़ा जाएगा और सहमति लेकर ही योजना बनाई जाएगी"" ""इस योजना के तहत हरिद्वार के तीनों प्रमुख धार्मिक स्थल, हर की पैड़ी क्षेत्र, मां मनसा देवी मंदिर क्षेत्र, मां चंडी देवी मंदिर क्षेत्र सहित कनखल के सती कुंड, सन्यास रोड़ और संत बाहुल्य क्षेत्र भूपतवाला आदि को विकसित किया जाएगा. ताकि तीर्थ नगरी में देश-विदेश से आने वाले आस्थावान तीर्थ यात्रियों को सुचारू सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। लेकिन इसके विपरीत भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी हरिद्वार में आकर प्रेस वार्ता करते हैं और कहते हैं की वे और उनके सहयोगी इस योजना का विरोध करेंगे? ""क्योंकि वाराणसी में भी कॉरिडोर बनने से लोग दुखी हैं? स्वामी जी यही नहीं रुकते और कहते हैं कि वह इस प्रकरण को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में ले जाएंगे? प्रश्न यह उठता है: की क्या स्वामी का विरोध जायज है?