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उज्जवल हरिद्वार अभियान/स्वच्छ सर्वेक्षण: 2023 की हकीकत!


तीर्थ नगरी में इन दिनों "कुंभ मेला 2021 की तर्ज" पर पुनःस्वच्छ सर्वेक्षण अभियान:2023 चलाया जा रहा है इस हेतु बड़े बड़े आयोजन किए जा रहे हैं बैठकें हो रही हैं और आभार पत्र जारी कर ब्रांड अंबेसडर नियुक्त किए जा रहे हैं.

रिपोर्ट  - अजय शर्मा

तीर्थ नगरी में इन दिनों "कुंभ मेला 2021 की तर्ज" पर पुनःस्वच्छ सर्वेक्षण अभियान:2023 चलाया जा रहा है इस हेतु बड़े बड़े आयोजन किए जा रहे हैं बैठकें हो रही हैं और आभार पत्र जारी कर ब्रांड अंबेसडर नियुक्त किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं केंद्र व राज्य सरकार गंगा किनारे व अन्य क्षेत्रों को स्वच्छ/ सुंदर रखने के लिए करोड़ों का बजट स्वच्छता के नाम पर दे रही है जिसे अधिकारी ठिकाने भी लगा रहे हैं। एनजीटी चिंतित है और नदियों/पार्क क्षेत्रों को स्वच्छ रखने के लिए आदेश पारित कर रही है. लेकिन इन सबके बावजूद हकीकत कुछ और ही बयान करती है आप देख सकते हैं की विश्व विख्यात तीर्थ नगरी हरिद्वार के गंगा घाट और पार्क क्षेत्रों की दुर्दशा क्या है यहां गंगा घाटों और पार्क क्षेत्र में जगह जगह कूड़े के अंबार लगे हुए हैं यहां तक की गंगा के घाट भी गंदगी से सुरक्षित नहीं है पार्क क्षेत्र में ही नगर निगम द्वारा कूड़ा कचरा लाकर यहां एकत्रित किया जा रहा है और उसी कूड़े कचरे को आवारा पशु खा रहे हैं इतना ही नहीं जगह जगह कूड़े के लगे अंबार से स्थानीय लोगों और यहां आने वाले तीर्थ श्रद्धालुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों का कागजों में स्वच्छअभियान जारी है और धरातल के स्थिति आपके सामने हैं।

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