तीर्थ नगरी के गंगा घाटों को स्थानीय प्रशासन ने धार्मिक संस्थाओं को गोद देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है यहां आप देख सकते हैं की गंगा किनारे घाटों पर किस तरह से गंदगी के ढेर लगे हैं इन्हीं गंगा घाट में यहां आने वाले तीर्थ श्रद्धालु स्नान करते हैं यह फोटो कहीं और की नहीं बल्कि हर की पौड़ी से सटे पंतदीप घाट की है।
रिपोर्ट - अजय शर्मा
हरिद्वार: तीर्थ नगरी के गंगा घाटों को स्थानीय प्रशासन ने धार्मिक संस्थाओं को गोद देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है यहां आप देख सकते हैं की गंगा किनारे घाटों पर किस तरह से गंदगी के ढेर लगे हैं इन्हीं गंगा घाट में यहां आने वाले तीर्थ श्रद्धालु स्नान करते हैं यह फोटो कहीं और की नहीं बल्कि हर की पौड़ी से सटे पंतदीप घाट की है। सवाल ये उठता है की यहां आने वाले तीर्थ श्रद्धालुओं को हम क्या संदेश दे रहे हैं? स्थानीय प्रशासन हरिद्वार को स्वच्छ और सुंदर बनाने का दावा कर रहा है और बड़े-बड़े ब्रांड अंबेसडर और उनकी संस्थाएं कागजों में हरिद्वार को स्वच्छ और सुंदर बनाने का दावा करने का प्रचार प्रसार कर रहे हैं वहीं इसके विपरीत मां गंगा के पवित्र घाटों पर लगे गंदगी के ढेर प्रशासन और गंगा घाटों को गोद लेने वाली संस्थाओं और प्रचार करने वालों के दावों की पोल खोल रहे हैं। यहां दूर-दूर तक कोई सफाई कर्मचारी गंगा घाटों पर मौजूद नहीं है इतना ही नहीं गंगा घाटों को गोद लेने वाली संस्थाएं घाटों को गोद लेने के बाद शायद इन घाटों को भूल चुकी हैं ऐसे में घाटों की सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे ही चल रही है।