वृक्ष संरक्षण, गंगा संरक्षण क्या ऐसे ही होगा? आप देख सकते हैं दिनदहाड़े एक व्यक्ति गंगा किनारे हरे भरे विशाल वृक्ष का कटान कर रहा है इसे रोकने वाला कोई नहीं। तीर्थ नगरी में जब बड़े अधिकारी बैठके करते हैं तो ऐसा लगता है की स्थितियों में सुधार होगा. लेकिन अधिकतर बैठके मात्र दिखावा साबित होती हैं।
रिपोर्ट - अजय शर्मा
हरिद्वार: वृक्ष संरक्षण, गंगा संरक्षण क्या ऐसे ही होगा? आप देख सकते हैं दिनदहाड़े एक व्यक्ति गंगा किनारे हरे भरे विशाल वृक्ष का कटान कर रहा है इसे रोकने वाला कोई नहीं। तीर्थ नगरी में जब बड़े अधिकारी बैठके करते हैं तो ऐसा लगता है की स्थितियों में सुधार होगा. लेकिन अधिकतर बैठके मात्र दिखावा साबित होती हैं। आपके सामने जो फोटो है यह फोटो तीर्थ नगरी के ठोकर नंबर 01 से 18 के बीच के क्षेत्र की है यह भूमि डूब क्षेत्र में आती है और यहां कैनाल अधिनियम भी लागू है इस भूमि पर भारी मात्रा में बड़े-बड़े विशालकाय (प्रतिबंधित श्रेणी के आम, नीम, साल खैर, पीपल ,बरगद ,जामुन ,बिल्ब आदि प्रजातियों वृक्ष हैं. लेकिन विडंबना देखिए कि इन वृक्षों की देखभाल करने वाला कोई नहीं है इस क्षेत्र में सैकड़ों की तादाद में झोपड़ियां आदि डालकर अनेक अतिक्रमणकारियों ने कब्जे किए हुए हैं सूत्रों की माने तो इन अतिक्रमणकारियों की आड में यहां कुछ असामाजिक व अराजक तत्वों ने भी डेरा डाल रखा है यह लोग आए दिन वृक्षों का कटान करते हैं सूत्र बताते हैं की गंगा किनारे मछलियों का और जंगली मुर्गों का भी शिकार यहां किया जाता है अब तक हजारों की तादात में मछलियां, सैकड़ों वृक्ष और पक्षी असामाजिक तत्वों का शिकार बन चुके हैं। "बड़ा सवाल: किस काम की जिला गंगा संरक्षण समिति? आपको बता दें कि फरवरी 2023 को जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने "जिला गंगा संरक्षण समिति" की आवश्यक बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की थी जिसमें सभी विभागों के जिम्मेदार अधिकारी उपस्थित थे! इसी बैठक में जिला गंगा संरक्षण समिति के सदस्य संयोजक/उप वन संरक्षक ने जिलाधिकारी के समक्ष कहा था की नमामि गंगे परियोजना में इंस्टिट्यूटशनल एंड इंडस्ट्रियल स्टेट प्लांटेशन मद से 500000,(पांच लाख) पौधे लगाए जाने हैं और वृक्षारोपण हेतु भूमि की अनुपलब्धा के कारण कार्य में प्रगति नहीं हो पा रही है? इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए थे कि सिंचाई विभाग के नियंत्रण में जितने भी तटबंध हैं उनमें वृक्षारोपण/पौधे लगाने के संबंध में 1 सप्ताह में कार्रवाई करना सुनिश्चित करें. लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की इस महत्वपूर्ण विषय पर भी कोई रुचि नहीं है यही कारण है कि विभागों में आपसी तालमेल और रुचि ना होने के अभाव में असामाजिक व अराजक तत्व बेखौफ होकर मेला भूमि पर अतिक्रमण कर गंगा और उसकी भूमि सहित पक्षियों और जीवो का दोहन कर रहे हैं।