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योग महोत्सव के समापन में बच्चों ने लिया योग का संकल्प -योगी रजनीश


ॐ आरोग्यम योग मंदिर द्वारा आयोजित सप्तम योग महोत्सव का समापन हो गया। समापन कार्यक्रम में डी.पी.एस. रानीपुर के बच्चों को योग की शिक्षा दी गई। कार्यक्रम का शुभारंभ योगी रजनीश, प्रधानाचार्य अनुपम जग्गा, उमा पाण्डेय, अर्चना शर्मा आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन के साथ किया।

रिपोर्ट  - ऑल न्यूज़ ब्यूरो

हरिद्वार, ॐ आरोग्यम योग मंदिर द्वारा आयोजित सप्तम योग महोत्सव का समापन हो गया। समापन कार्यक्रम में डी.पी.एस. रानीपुर के बच्चों को योग की शिक्षा दी गई। कार्यक्रम का शुभारंभ योगी रजनीश, प्रधानाचार्य अनुपम जग्गा, उमा पाण्डेय, अर्चना शर्मा आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन के साथ किया। योग महोत्सव का संचालन करते हुए योगी रजनीश ने सभी बच्चों को योगाभ्यास के साथ-साथ प्राणायाम एवं ध्यान का अभ्यास भी कराया। योगी जी ने कहा कि आज की जीवन शैली व्यस्त जीवन शैली है जहां सभी को एक से अधिक क्षेत्रों में कार्य करना पड़ता है। जहां तक बच्चों का सवाल है वे भी केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं हैं अपितु वे अन्य अनेक गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। ऐसे में यदि बच्चे आधा घंटा भी योग करते हैं तो उसके अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न हो जाती है जिससे वह अपने सभी क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। योगी रजनीश ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योगाभ्यास से मनुष्य के जीवन में अलौकिक परिवर्तन होता है जिससे मनुष्य शारीरिक स्वास्थ्य को प्राप्त कर मानसिक रूप से शांति को प्राप्त करता है। आगे उन्होंने योग की परिभाषा देते हुए कहा कि उत्तम जीवनशैली जीने का नाम योग है और उत्तम जीवन प्राप्ति के लिए हमें एक स्वस्थ शरीर की आवश्यकता होती है। स्वस्थ शरीर को हम योगाभ्यास के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन उपस्थित होता है और स्वस्थ मन के लिए हमें अपनी इंद्रियों को संयमित करना अति आवश्यक है। प्राणायाम एक ऐसा सशक्त माध्यम है जिसके अभ्यास से हम अपनी इंद्रियों को संयमित कर सकते हैं। आंख, नाक, कान, जिहवा और त्वचा इन पांचो इंद्रियों को प्राणायाम के अभ्यास से संयमित कर सकते हैं। यदि हम अपनी इंद्रियों को संयमित कर लेते हैं तो हमारा मन निश्चित रूप से एकाग्र हो जाता है और हमारे चित्त की चंचलता शांत हो जाती हैं तथा मनुष्य अपने व्यवहार और आहार को भी नियंत्रित करने में सक्षम हो जाता है। यदि बच्चे इस प्रकार से दैनिक रूप से योगाभ्यास करते हैं तो निश्चित ही वह अपनी ऊर्जाओ को सही दिशा में लगाकर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। आगे उन्होंने कहा जिस प्रकार हम अपने मोबाइल को प्रतिदिन चार्ज करते हैं तथा उनमें से अनावश्यक चीजों को हटाकर अच्छी चीजों को ही उसमें रखते हैं, उसी प्रकार योग द्वारा हमें अपने शरीर को भी प्रतिदिन चार्ज करना चाहिए, साथ ही अपने भीतर से अनावश्यक विषयों को हटाकर केवल सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। योगी रजनीश ने बच्चों को एक कार्य करने के लिए और एक कभी ना करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि पहला हमें जीवन में हमेशा सत्य का पालन करना चाहिए और दूसरा कभी भी चोरी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि जो सत्य के मार्ग पर चलता है और कभी चोरी नही करता उसकी बात पर सभी विश्वास करते हैं और उसे समाज में एक अच्छी दृष्टि से देखा जाता है। प्रत्येक व्यक्ति के इस समाज के लिए भी कुछ उत्तरदायित्व होते हैं उन उत्तरदायित्व को पूरा करने के लिए हमें एक अच्छा नागरिक बनना अति आवश्यक हैं। कार्यक्रम के अंत में योगी रजनीश ने बच्चों को खुश रहने का एक मंत्र दिया और उन्होंने बच्चों को लाफिंग कराई जिससे सभी बच्चे बहुत प्रसन्न हो गए और उन्होने अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव किया और योग सत्र का पूर्ण लाभ प्राप्त किया। प्रधानाचार्य अनुपम जग्गा ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यह हमारे लिए प्रसन्नता का विषय है कि आज हम सभी को योग महोत्सव के अन्तर्गत योग करने का अवसर प्राप्त हुआ है। आगे उन्होंने कहा कि आज बच्चों ने जो भी योग सीखा है वह प्रतिदिन उसका अभ्यास करें क्योंकि इसी से उन्हे योग का पूर्ण लाभ प्राप्त हो सकेगा। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उनको शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है जो कि योग के द्वारा ही संभव है।

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