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गडकरी ने सिलक्यारा सुरंग का स्थलीय निरीक्षण क्या


केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन जयराम गडकरी ने सिलक्यारा सुरंग का स्थलीय निरीक्षण कर सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के चलाए जा रहे रेस्क्यू अभियान की समीक्षा की।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

देहरादून 19 नवंबर, 2023 केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने सिलक्यारा सुरंग का स्थलीय निरीक्षण कर सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के चलाए जा रहे रेस्क्यू अभियान की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश व दुनिया में उपलब्ध श्रेष्ठतम विशेषज्ञों का लाभ उठाकर सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने रेस्क्यू अभियान में जुटे संगठनों और अधिकारियों को अधिकतम तैयारी और आवश्यक संसाधनों का समय रहते मुकम्मल इंतजाम करने की हिदायत देते हुए कहा कि रेस्क्यू के हर विकल्प पर उच्च क्षमता व तत्परता के साथ काम किया जाय। केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के साथ सिलक्यारा का दौरा कर सुरंग के भीतर जाकर घटनास्थल का जायजा लिया और सुरंग परियोजना व रेस्क्यू अभियान में जुटे लोगों से इस हादसे व बचाव अभियान के बारे में जानकारी ली। उन्होंने सुरंग में फंसे श्रमिकों के परिजनों से भी मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि सरकार पूरी ताकत और शिद्दत से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी है। रेस्क्यू अभियान में शुरुआती दौर में आई कठिनाईयों को देखते हुए अब हर संभव विकल्पों पर एक साथ काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की जान बचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, किसी भी बेहतर संभावना वाले विकल्प के लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े सरकार चुकाएगी। श्री गडकरी एवं मुख्यमंत्री श्री धामी ने परिजनों का आश्वस्त किया कि केन्द्र और राज्य सरकार श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए कोई भी कसर बाकी नहीं रहने देगी। श्री गडकरी ने रेस्क्यू में जुटे संगठनों व प्रशासन के अधिकारियों की बैठक लेकर रेस्क्यू अभियान की समीक्षा कर नए विकल्पों और संभावनाओं के बारे में भी विस्तार से विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि देश के साथ ही दुनियाभर में इस रेस्क्यू के लिए उपलब्ध उच्चतम दक्षता, अनुभव और संसाधनों का ब्यौरा तत्काल जुटाकर इस अभूतपूर्व चुनौती से निपटने के लिए जो भी उपयोगी समाधान नजर आए, उस पर फौरन अमल किया जाय। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की जान सबसे कीमती है और इस बचाने के लिए युद्धस्तर पर दिनरात चतुर्दिक प्रयास किए जांय।

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