स्वामी राम विश्वविद्यालय, जॉली ग्रांट, देहरादून में प्राचीन भारतीय अध्यात्म ज्ञान और वर्तमान तंत्रिका विज्ञान पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आज शनिवार को शुरू हो गई।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
स्वामी राम विश्वविद्यालय, जॉली ग्रांट, देहरादून में प्राचीन भारतीय अध्यात्म ज्ञान और वर्तमान तंत्रिका विज्ञान पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आज शनिवार को शुरू हो गई। मुख्य अतिथि स्वामी राम विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ विजय धस्माना, कुलपति राजेंद्र डोभाल, विश्वविद्यालय के अकादमी एवं विकास केंद्र के महानिदेशक डॉ विजयेंद्र डी चौहान, रामकृष्ण मिशन चैरिटेबल हॉस्पिटल मुंबई के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट स्वामी डॉ. दयाधीपानंद महाराज,ऋषिकेश एम्स की निदेशक डॉ. मीनू सिंह, कॉन्फ्रेंस की आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ.दीपक गोयल ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर स्वामी राम विश्वविद्यालय के अध्यक्ष और कॉन्फ्रेंस के मुख्य अतिथि डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि हमें अपने अध्यात्म ज्ञान की ओर फिर से वापस लौटना होगा। जिससे ही हमारी सभी बीमारियों का निदान हो सकेगा। अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के मुख्य आयोजक और तंत्रिका विज्ञान के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ डॉ. दीपक गोयल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि जो देश अपनी संस्कृति और भाषा को भूल जाता है, वह कभी तरक्की नहीं कर सकता। उन्होंने सभी अतिथियों का शॉल ओढ़ाकर को सम्मानित किया। डॉ दीपक गोयल ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में देश विदेश से 200 से ज्यादा न्यूरो साइंस और अध्यात्म के विशेषज्ञों ने भाग लिया। कॉन्फ्रेंस के आयोजक समिति के संयोजक डॉ. अश्विनी भट्ट ने सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ और रुद्राक्ष की माला भेंट कर स्वागत किया और आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रिया सिंह ने किया। गुरु वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई और राष्ट्रगान से कार्यक्रम का समापन हुआ। कल समापन समारोह स्वामी राम की तपस्थली साधक ग्राम ऋषिकेश में होगा।