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भवसागर की वैतरणी है श्रीराम कथा-स्वामी ऋषिश्वरानंद


श्री चेतन ज्योति आश्रम में श्रीराम कथा के शुभारंभ अवसर पर गंगा तट से आश्रम तक भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें संत महापुरूषों के साथ साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई पंकज मोदी भी सम्मिलित हुए।

रिपोर्ट  - 

हरिद्वार, 22 अगस्त। श्री चेतन ज्योति आश्रम में श्रीराम कथा के शुभारंभ अवसर पर गंगा तट से आश्रम तक भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें संत महापुरूषों के साथ साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई पंकज मोदी भी सम्मिलित हुए। कथा के शुभारंभ पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि भारत में संत परंपरा का हमेशा महत्व रहा है। भगवान श्रीराम की कथा और उनका नाम हमारे जीवन में दीपक की लौ, तेल और बाती की तरह है। उन्होंने कहा कि श्रीराम व श्रीराम कथा का प्रत्येक हिंदू के जीवन में विशेष महत्व है। श्रीराम कथा हमें भगवान श्रीराम के स्वरूप, चरित्र और कृत्य को जानने-सुनने का अवसर प्रदान करती है। इसे सुनकर हम अपने जीवन में उन गुणों को आत्मसात कर सकते हैं और अपने जीवन को भगवान श्रीराम की तरह बना सकते हैं। श्रीराम कथा की महत्ता बताते हुए स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि अंधेरे को भगाने के लिए हम दीपक जलाते हैं, दीपक जलाने से अंधेरा दूर होता है और प्रत्येक वस्तु स्पष्ट दिखाई देती है। प्रकाश को बनाए रखने के लिए दीपक की लौ को बरकरार रखना पड़ता है और यह तभी संभव है जब दीपक की बाती और तेल उसमें लगातार बना रहे। इसी तरह जीवन के अंधेरे को दूर करने के लिए तथा जीवन में सुख-शांति और वैभव प्राप्त करने के लिए श्रीराम का नाम सिमरन करना चाहिए। म.म.स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि गंगा तट पर श्रीराम कथा का श्रवण करने से व्यक्ति के उत्तम चरित्र का निर्माण होता है। भगवान श्रीराम भक्त के कण कण में विराजमान रहते हैं। श्रीराम कथा का श्रवण अवश्य ही भक्तों का कल्याण करता है। श्रीराम कथा के श्रवण से परिवारों के समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं। कथा में शामिल हुए पंकज मोदी ने कहा कि भौतिकवाद की चकाचोंध से अलग होकर भगवान श्रीराम के नाम लेने से ही व्यक्ति का कल्याण हो जाता है। धर्मनगरी में संतों के सानिध्य में की गयी श्रीराम कथा अवश्य ही पुण्य लाभ प्रदान करती है। गंगा तट पर किए गए धार्मिक क्रियाकलाप अवश्य ही फलदायी होते हैं। कथा व्यास ज्योतिन्द्र प्रसाद शास्त्री ने भक्तों को श्रीराम कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि जिव्हा से भगवान श्रीराम का नाम लेने से ही जीवन भवसागर से पार हो जाता है। श्रीराम कथा कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने वाली है। कथा की सार्थकता तभी है जब श्रीराम के गुणों व जीवन चरित्र को आत्मसात कर उसका पालन किया जाए। भगवान श्रीराम हिन्दुओं के आदर्श के रूप में जाने जाते हैं। उनके नाम का सिमरन अवश्य ही भक्त को सुख, शांति व समृद्धि प्रदान करता है। परिवारों के कष्टों से मुक्ति पानी है तो भगवान श्रीराम के नाम का सिमरन करते रहें। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के नाम का जाप करने से परिवारों में संपन्नता का वास होता है। कथा के यजमान चंदूभाई प्रजापति व जमना बेन ने श्रीराम कथा में पधारे सभी संत महापुरूषों का स्वागत कर आशीर्वाद लिया और कहा कि श्रीराम कथा का श्रवण मात्र ही मनुष्य कल्याण में सार्थकता प्रदान करता है। मन का शुद्धिकरण करना है तो राम नाम जाप करते रहें। परिवार एक साथ भगवान श्रीराम की कथा श्रवण अवश्य करें। संतों के सानिध्य में भगवान श्रीराम कथा का लाभ और अधिक पुण्यदायी होता है। इस अवसर पर मनोज महंत, शिवम महंत, सतपाल ब्रह्मचारी, स्वामी ऋषि रामकिशन, जयेश भाई प्रजापति, दीक्षित भाई प्रजापति, जंकित भाई प्रजापति, मगन भाई प्रजापति, गोविंद भाई प्रजापति, सुनीता बेन, मेघल बेन आदि सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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