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गढ़वाल के विकासखण्ड थौलधार के 06 ग्रामों के 45 लाभार्थियों द्वारा लिया गया माइक्रो गोट यूनिट का लाभ।


‘‘मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के अन्तर्गत जनपद टिहरी गढ़वाल के विकासखण्ड थौलधार के 06 ग्रामों के 45 लाभार्थियों द्वारा लिया गया माइक्रो गोट यूनिट का लाभ।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

टिहरी/दिनांक 18 जनवरी, 2024 ‘‘मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के अन्तर्गत जनपद टिहरी गढ़वाल के विकासखण्ड थौलधार के 06 ग्रामों के 45 लाभार्थियों द्वारा लिया गया माइक्रो गोट यूनिट का लाभ। वित्तीय वर्ष 2023-24 में विकासखंड थौलधार के अर्न्तगत चिन्ह्ति 07 ग्रामों में कुल 60 माइक्रो गोट यूनिट्स की स्थापना का है लक्ष्य।‘‘ मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आशुतोष जोशी ने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत माइक्रो गोट यूनिट योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत पशुपालकों को 90 प्रतिशत अनुदान (जिला योजना से 50 प्रतिशत तथा मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना से 40 प्रतिशत अनुदान) पर चार बकरियां एवं एक बकरा उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही जोखिम से बचाव हेतु पशुपालन मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत पशुपालकों को बीमा प्रीमियम पर 60 प्रतिशत से 80 प्रतिशत अनुदान की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सामान्य जाति के पशुपालकों को बीमा प्रीमियम पर 60 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति के पशुपालकों को बीमा प्रीमियम पर 80 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत माइक्रो गोट यूनिट हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में 75 प्रतिशत की धनराशि प्राप्त हुई, जिसमें विकासखण्ड थौलधार के 06 ग्रामों के 45 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया। इसमें ग्राम कन्स्यूड़ के 09 लाभार्थी, ग्राम झकोगी कवाणो की, के 07, ग्राम डांग के 10, ग्राम सिवाली पाटल के 05, ग्राम किलवाण गांव के 06 तथा ग्राम झकोगी ब्राहमणों की, के 08 लाभार्थी शामिल हैं। उन्हांेने कहा कि 25 प्रतिशत की धनराशि प्राप्त होते ही शेष 01 ग्राम के 15 लाभार्थियों को भी लाभान्वित कर दिया जायेगा। बताया कि माइक्रो गोट यूनिट के तहत लाभार्थी को एक बकरा और चार बकरी दिए गये। बतया कि योजना के तहत बकरी पालक द्वारा बिना किसी विशेष लागत के तथा विशेष श्रम शक्ति एवं संसाधनो के नियोजन के बिना ही लगभग 30 से 35 हजार रुपए प्रतिवर्ष आय अर्जित की जा रही है। रोजगार के अन्य साधनों के साथ-साथ बकरी पालन से भी आय अर्जन कर इंटीग्रेटेड फार्मिंग से आय अर्जन किया जा रहा है। पलायन रोकथाम के तहत अधिक से अधिक आय के साधन अर्जित कर ग्रामीण आर्थिकी विकास हेतु प्रयास किये जा रहे हैं।

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