गंगोत्री धाम में श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद बनाए रखने के निर्देश देते हुए कहा कि गंगोत्री में सड़क पर अतिक्रमण हटाकर श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए अलग-अलग लेन बनाई जानी जरूरी है।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
उत्तरकाशी, 5 मई 2024, जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने गंगोत्री धाम का दौरा कर चारधाम यात्रा की तैयारियों का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने यात्रा व्यवस्था से जुड़े विभागों व संगठनों को गंगोत्री धाम में श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद बनाए रखने के निर्देश देते हुए कहा कि गंगोत्री में सड़क पर अतिक्रमण हटाकर श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए अलग-अलग लेन बनाई जानी जरूरी है। जिलाधिकारी ने कहा कि गंगोत्री में भागीरथी के दूसरे तट पर घाटों का विस्तार करने सहित दीर्घकालीन महत्व की अवस्थापना विकास की योजनाएं तैयार करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और पंडा-पुरोहितों, स्थानीय निवासियों व व्यापारियों की सहूलियतों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। जिलाधिकारी ने गंगोत्री में वीआईपी पार्किंग तक वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने के निर्देश देते हुए कहा कि धामों की व्यवस्थाओं में आम श्रद्धालुओं की सुविधा, सहूलियत व सुरक्षा को सर्वोपरि रखा जाय। इस दौरान जिलाधिकारी ने गंगोत्री में प्रस्तावित टनल पार्किंग स्थल का भी निरीक्षण कर एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों को टनल पार्किंग की परियोजनाओं की डीपीआर तैयार करने की कार्रवाई को जल्द पूरा करने के निर्देश भी दिए। चार धाम यात्रा को लेकर की जा रही तैयारियों की मौके पर पड़ताल करने के लिए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने गंगोत्री धाम पहॅुचकर सबसे पहले स्वास्थ्य सुविधाओं, यात्री पंजीकरण केन्द्र एवं पार्किंग व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने धाम में स्थापित अस्पताल में जाकर उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं का निरीक्षण करते हुए सभी जीवन रक्षक दवाओं, उपकरणों व ऑक्सीजन का हर समय पर्याप्त स्टॉक बनाए रखने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने मौके पर उपस्थित अपर मुुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीएस पांगती को निर्देशित किया कि चिकित्सकों एवं पैरामेडीकल स्टाफ निरंतत अस्पतालों एवं मेडीकल रिलीफ पोस्ट पर उपलब्ध रहें और किसी भी प्रकार की आकस्मिकता के लिए बैकअप व रेफरल प्लान तथा एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। एसीएमओ ने बताया कि इस बार धाम के अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती के साथ ही मंदिर परिसर में भी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।