विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में इस वर्ष की थीम, "अपने रक्तचाप को सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जिएं," पर जनजागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
रिपोर्ट - अंजना भट्ट घिल्डियाल
विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में इस वर्ष की थीम, "अपने रक्तचाप को सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जिएं," पर जनजागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कहा कि उच्च रक्तचाप से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करने पर गर्व है, जो एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकता है व विभिन्न पुरानी बीमारियों में महत्वपूर्ण योगदान देती है। उन्होंने बताया कि विश्व उच्च रक्तचाप दिवस की इस वर्ष की थीम "अपने रक्तचाप को सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जिएं," हृदय संबंधी स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए हमारी संस्थागत पहल और प्रतिबद्धता के साथ गहराई से मेल खाती है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक और सीईओ प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की दूरदर्शी मिशन 75/25 पहल के माध्यम से उच्च रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित करने की दिशा में संस्थान की सक्रिय व प्रतिबद्ध भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि इसका लक्ष्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के माध्यम से वर्ष- 2025 तक उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित 75 मिलियन लोगों को मानक देखभाल प्रदान करना है। कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि "हमें यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि एम्स ऋषिकेश भारत में उच्च रक्तचाप और मधुमेह देखभाल और नियंत्रण सेवाओं पर एक राष्ट्रीय अध्ययन आयोजित कर रहा है, यह अध्ययन साक्ष्य-आधारित सिफारिशें प्रदान करने में महत्वपूर्ण है जो मिशन 75/25 के तहत हमारे प्रयासों को बढ़ावा देगा, जिसका उद्देश्य वर्ष 2025 तक वर्तमान स्थितियों की व्यापकता को काफी हद तक कम करना है।" सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने प्रोजेक्ट हेल्दी फूड फॉर ऑल के तहत किए जा रहे व्यापक प्रयासों पर प्रकाश डाला। डॉ. अग्रवाल ने उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों से उनकी निर्धारित दवाओं का ठीक से पालन करने और चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार ही स्वस्थ भोजन विकल्प चुनने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि प्रसंस्कृत और अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर लेबल पढ़ना और रक्त का प्रबंधन करने के लिए सोडियम सेवन को सीमित करना महत्वपूर्ण है।