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हर्षिल में कैम्प कर गंगोत्री धाम व इसके पड़ावों में यात्रा व्यवस्थाओं की निगरानी के साथ ही सीमांत गांवों का भ्रमण


जिले के मुख्य विकास अधिकारी जय किशन इन दिनों हर्षिल में कैम्प कर गंगोत्री धाम व इसके पड़ावों में यात्रा व्यवस्थाओं की निगरानी के साथ ही सीमांत गांवों का भ्रमण कर उनकी समस्याओं को संभावनाओं की पड़ताल करने में भी जुटे हैं।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

उत्तरकाशी, 09 मई 2024, जिले के मुख्य विकास अधिकारी जय किशन इन दिनों हर्षिल में कैम्प कर गंगोत्री धाम व इसके पड़ावों में यात्रा व्यवस्थाओं की निगरानी के साथ ही सीमांत गांवों का भ्रमण कर उनकी समस्याओं को संभावनाओं की पड़ताल करने में भी जुटे हैं। मुख्य विकास अधिकारी जय किशन को चारधाम यात्रा के लिए गंगोत्री क्षेत्र का सुपर जोनल अधिकारी बनाया गया है और उन्हें हर्षिल में कैम्प कर गंगोत्री धाम व इसके यात्रा मार्ग व पड़ावों पर यात्रा व्यवस्थाओं की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया है। इस चुनौती को अवसर के रूप में लेते हुए श्री जय किशन ने यात्रा व्यवस्थाओं का चुस्त-दुरस्त करने के साथ ही सीमांत क्षेत्र को करीब से देखने व समझने का सिलसिला भी शुरू किया है। दिन में यात्रा को लेकर गंगोत्री धाम सहित इसके निकटवर्ती पड़ावों पर रहकर यात्रा व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने की कवायद में जुटे श्री जय किशन की सुबह और शाम सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों के बीच गुजर रही है। यात्रा की तैयारियों के बीच समय निकाल कर श्री जय किशन सुबह और शाम को अलग-अलग गांवों के भ्रमण पर जाकर ग्रामीणों से मुलाकात करने के साथ ही गांवों में संचालित योजनाओं का भी निरीक्षण कर रहें है। अभी तक वह हर्षिल, बगोरी, मुखवा, झाला गॉंव जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इन गांवों में विकास कार्यों को प्रभावी तरीके से लागू करने के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधाओं को अधिक मजबूत करने तथा बागवानी, पर्यटन विकास, सड़क, पार्किंग आदि से जुड़े मसलों को भ्रमण के दौरान विशेष तौर पर रेखांकित किया गया है। इन गांवों के समग्र विकास के लिए वाईब्रेंट विलेज योजना के क्रियान्वयन में मौजूदा भ्रमण के अनुभवों और सुझावों को शामिल किया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि यात्रा इंतजामों को लेकर संबंधित विभागों को मौके पर जाकर निर्देशित करने के साथ ही विभिन्न व्यवस्थाओं के संबंध में लिखित हिदायतें जारी की जा रही है और गंगोत्री मंदिर समिति से जुड़े मामलों को भी मंदिर समिति के संसान में लाया गया है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यात्रियों की सुविधा में कोई कमी न रहे और तीर्थयात्री यहां से बेहतर अनुभव लेकर जाएं।

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