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गढ़वाल विश्वविद्यालय मे प्रारंभिक चरण के उद्यमी को बढ़ावा देने के लिए गोष्ठी का आयोजन किया।


गोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो. सी एम शर्मा डीन स्कूल ऑफ लाइफ साइन्स तथा प्रो. गोविन्दन वनस्पति एवं सूक्ष्म जैविकी विभाग के विभागाध्यक्ष हे. न. ब. ग. वि.वि. के द्वारा किया गया।

रिपोर्ट  - अंजना भट्ट घिल्डियाल

इंस्टीटूशन इन्नोवेशन कौंसिल-हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय के वनस्पति एवं सूक्ष्मजैविकी विभाग में "एक्सेलरेटर/इन्क्यूबेशन - अपोर्तुनिटीज़ फॉर स्टूडेंट्स एंड फैकल्टीज -अर्ली स्टेज एन्टेर्प्रेनियर्स" विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो. सी एम शर्मा डीन स्कूल ऑफ लाइफ साइन्स तथा प्रो. गोविन्दन वनस्पति एवं सूक्ष्म जैविकी विभाग के विभागाध्यक्ष हे. न. ब. ग. वि.वि. के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए आई. आई. सी. के अध्यक्ष डॉ राम कुमार साहू ने प्रारंभिक चरण के उद्यमी का महत्व पर प्रकाश डाला l इसके लिए समर्पण, रचनात्मकता और चुनौतियों को स्वीकार करने की इच्छा की आवश्यकता होती है। प्रो. सी एम शर्मा ने बताया की हिमालय मे उद्यमिता एव नवाचार के क्षेत्र में काम करने की बहुत संभावनाएँ है। हिमालयउत्पादो एवं हिमालययी सामस्याओ को ध्यान मे रखकर विध्यार्थीओ को स्टार्ट अप एवं इनोवेशन पर फोकस करना चाहिए जिससे उनका एवं प्रदेश दोनों का विकास होगा। प्रो. गोविन्दन ने नवाचार एव उद्यमिता पर विद्यार्थिओ को प्रेरित करने के लिए डॉ साहू एवं उनकी टीम का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस प्रकार की गतिविधियां विश्वविद्यालय मे होती रहनी चाहिए जिससे विद्यार्थिओ का बहुआयामी विकास होता है एवं समाज आगे बढ़ता है। कार्यक्रम के प्रमुख वक्ताओं में से एक श्री प्रत्युश पंवार, जो की शहर के शेमफोर्ड फ्यूचरस्टिक स्कूल के प्रबंधक हैं, ने उद्यमिता कौशल विकास में शैक्षिक संस्थानों के महत्व को बताया l उन्होंने उद्यमिता कौशल के लिए आवश्यक संसाधनों एवं अवसरों के बारे में बताते हुए एक उद्यमी एवं व्यवसायी में अंतर बताया l श्री पंवार ने बताया कि किस प्रकार मात्र 30 बच्चों से शुरुआत करते हुए उन्होंने मेहनत एवं लगन से शेमफोर्ड स्कूल को श्रीनगर का प्रसिद्ध स्कूल बनाया है l कार्यक्रम के दूसरे वक्ता गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के डॉ. रविंद्र कुमार ने विभिन्न युगों की शिक्षा प्रणाली के बारे में बताते हुए शिक्षा प्रणाली 4.0 से अवगत करवाया l उन्होंने बताया कि ज्यादातर विद्यार्थी सोचते हैं कि उनका विचार बहुत तुच्छ है इससे कोई बिज़नेस आईडिया नहीं बन सकता, जो कि एक गलत मानसिकता है l उन्होंने श्रोताओं को आगे आने और खुलकर नवाचार एवं उद्यमिता पर अपने विचार संस्थानों के इन्क्यूबेशन सेंटर में रखने को प्रोत्साहित किया l कार्यक्रम के तीसरे वक्ता, प्रबंधन विभाग के प्रो महेंद्र बाबू ने स्टार्टअप शुरू करते समय आवश्यक क़ानूनी जानकारियां प्रदान की l उन्होंने बताया की हमारा लक्ष्य अपनी जीडीपी (GDP) का आकार बड़ा करना होना चाहिए तभी देश विकसित देश बनेगा l उन्होंने बताया की जीडीपी के भूमि, श्रमिक, पूँजी एवं संस्थान ये चार प्रमुख तत्व हैं l कार्यक्रम में डॉ. सुमित गैरोला, वनस्पति विज्ञान विभाग ने स्टार्टअप शुरू करने अथवा चल रहे स्टार्टअप से कैसे जुड़कर रोजगार की सम्भावनाओ को बढ़ा सकते हैं इसकी जानकारी दी l डॉ. डिगर सिंह ने विश्विद्यालय की इन्क्यूबेशन प्रकोष्ठ के बारे में बताया और विद्यार्थियों से अपने अपने विचार लेकर इन्क्यूबेशन प्रकोष्ठ में आने का आमंत्रण दिया l कार्यक्रम के अंत में डॉ. विनीत कुमार मौर्य ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए सभी विधार्थियो, शिक्षकों एवं वक्ताओं का आभार प्रकट किया।

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