पं. हृदय रंजन शरà¥à¤®à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, हिनà¥à¤¦à¥€ पंचांग के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास के शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ तिथि को सावन पà¥à¤¤à¥à¤°à¤¦à¤¾ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ के नाम से जाना जाता है।इस वरà¥à¤· सावन पà¥à¤¤à¥à¤°à¤¦à¤¾ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ 30 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ दिन गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
पं. हृदय रंजन शरà¥à¤®à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, हिनà¥à¤¦à¥€ पंचांग के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास के शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ तिथि को सावन पà¥à¤¤à¥à¤°à¤¦à¤¾ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ के नाम से जाना जाता है।इस वरà¥à¤· सावन पà¥à¤¤à¥à¤°à¤¦à¤¾ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ 30 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ दिन गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤° को है।इस दिन à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ और à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ की पूजा करने का विधान है।उनकी पूजा करने से पà¥à¤¤à¥à¤° की कामना करने वालों को संतान की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है।इस दिन à¤à¤—वान शिव शंकर का अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• कराना à¤à¥€ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤•à¤¾à¤°à¥€ माना जाता है।सावन पà¥à¤¤à¥à¤°à¤¦à¤¾ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ का महतà¥à¤µ इस à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ का वà¥à¤°à¤¤ संतान की कामना करने वाले और संतान वाले दोनों ही करते हैं।पà¥à¤¤à¥à¤°à¤¦à¤¾ à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ वà¥à¤°à¤¤ करने से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ और माता लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ दोनों की ही कृपा पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है।शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ मास के शà¥à¤•à¥à¤² पकà¥à¤· की à¤à¤•à¤¾à¤¦à¤¶à¥€ तिथि का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठ30 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को 01 बजकर 16 मिनट से हो रहा है,जो देर रात 23 बजकर 49 मिनट पर समापà¥à¤¤ होगा।वà¥à¤°à¤¤ रखने वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को पारण 31 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ दिन शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को सà¥à¤¬à¤¹ 05 बजकर 42 मिनट से 08 बजकर 24 मिनट के मधà¥à¤¯ कर लेना चाहिà¤à¥¤à¤ªà¥‚जा के लिठà¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ या बाल गोपाल शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ को à¤à¤• चौकी पर सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करें।फिर उनको पंचामृत से सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कराà¤à¤‚। चंदन तिलक कर वसà¥à¤¤à¥à¤° पहनाà¤à¤‚। पीले पà¥à¤·à¥à¤ª, धूप, दीप, गंध, तà¥à¤²à¤¸à¥€, पान, सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥€ आदि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करें। फल, नारियल, बेर, आंवला, लौंग à¤à¥€ अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करें।इसके पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ विषà¥à¤£à¥ सहसà¥à¤°à¤¨à¤¾à¤® का पाठकरें। फिर à¤à¤—वान विषà¥à¤£ की आरती करें।