जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अल्मोडा के तत्वाधान में विजय दिवस की 53 वीं वर्षगाँठ का आयोजन शहीद स्मारक छावनी क्षेत्र में बड़े धूमधाम से किया गया। इस दौरान शहीदों की स्मृति में पुष्पचक्र व श्रृद्धा सुमन अर्पित किये गये।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
अल्मोड़ा, 16 दिसंबर 2024, आज जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अल्मोडा के तत्वाधान में विजय दिवस की 53 वीं वर्षगाँठ का आयोजन शहीद स्मारक छावनी क्षेत्र में बड़े धूमधाम से किया गया। इस दौरान शहीदों की स्मृति में पुष्पचक्र व श्रृद्धा सुमन अर्पित किये गये। गैरीसन अल्मोडा के सैन्य टुकडी के जवानों द्वारा शहीदों को सलामी दी गई। तदोपरान्त शहीदों के सम्मान में 2 मिनट का मौन रखा गया। समारोह में मुख्य अतिथि मनोज तिवारी, विधायक बारामण्डल अल्मोडा एवं जिलाधिकारी महोदय द्वारा वीर नारियों एव वीर सेनानी को शॉल ओढा कर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि स्थानीय विधायक ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश के सैनिक हमारे देश की आन बान एवं शान की हिफाजत के लिए न तो राजस्थान की चिलचिलाती गर्मी की परवाह करते हैं और न ही कारगिल की जमा देने वाली सर्दी की। बजाए कठिनाइयों एवं विषम परिस्थितियों की परवाह किए वें हमे एक भयमुक्त एवं सुरक्षित माहौल जीने के लिए देते हैं। हमें सिर्फ आज ही नहीं हमेशा अपनी सेना एवं सैनिकों का सम्मान करना चाहिए, उनके हौंसले को बढ़ाने का काम करना चाहिए। जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने भी विजय दिवस के अवसर पर सभी जनपदवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मात्र 14 दिन में हमारे सैनिकों ने पाकिस्तान की सेना को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया था। इसके लिए हमें अपनी सेना पर हमेशा गर्व रहेगा। भारत एवं पाकिस्तान के बीच माह दिसम्बर 1971 में (पूर्वी पाकिस्तान बंगलादेश) लडाई लड़ी गई थी। भारतीय फौज ने 14 दिनों के भीषण युद्ध के दौरान पाकिस्तानी फौज को पराजित किया। उक्त युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य साहस का प्रदर्शन किया। इस अभियान में वीर सैनिको ने अपने प्राणों की आहुति दी एवं कई जाबाज वीरता एवं अदम्य साहस का परिचय देते हुए देश की रक्षा हेतु घायल हुए। भारतीय सेना के अदम्य साहस एवं वीरता के लिए पूरे देश में प्रतिवर्ष 16 दिसम्बर, को विजय दिवस के रुप में मनाये जाने का संकल्प लिया गया और इस युद्ध में एक नये देश का उदय हुआ जिसको बांगलादेश के नाम पर जाना जाता है।