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शीतकालीन चार धाम यात्रा को बढ़ावा देने पर मुख्यमंत्री धामी की पीठ थपथपाई शंकराचार्य ने


ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के सान्निध्य में शीतकालीन चार धाम ऐतिहासिक यात्रा को निकाला जा रहा है । लगभग 5शताब्दि बाद ज्योतिर्मठ के 56वें शंकराचार्य इस शीतकालीन चारधाम यात्रा को मूर्तरूप दे रहे हैं ।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार। ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के सान्निध्य में शीतकालीन चार धाम ऐतिहासिक यात्रा को निकाला जा रहा है । लगभग 5शताब्दि बाद ज्योतिर्मठ के 56वें शंकराचार्य इस शीतकालीन चारधाम यात्रा को मूर्तरूप दे रहे हैं । आज ये यात्रा यमुना जी की शीतकालीन पूजा स्थली सुखीमठ जिसे खरसाली और खुशीमठ भी कहते हैं वहां पहुंची और दर्शन पूजन किया। बीते सोमवार को चंडी घाट पर गंगा पूजन और गंगा आरती के साथ इस यात्रा की शुरुआत शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने की थी। आज मंगलवार की सुबह 7 बजे शंकराचार्य अपने कनखल स्थित शंकराचार्य मठ से अपने अनुयायियों के साथ चार धाम शीतकालीन यात्रा के लिए रवाना हुए। पत्रकारों से बात करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि शीतकाल में भी सभी चार धामों के आराधना स्थल पर दर्शन किए जाते हैं, लेकिन शीतकालीन यात्रा का प्रचार प्रसार कम होने के कारण लोग बहुत कम संख्या में यात्रा के लिए पहुंचते हैं। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री धमी ने शीतकालीन की चार धाम यात्रा के प्रति रुचि ली है इसलिए अब धीरे-धीरे शीतकालीन यात्रा में भी यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। उन्होंने धामी सरकार की इस पहल का जोरदार स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री धामी को अपना आशीर्वाद दिया और और चार धाम यात्रा को धामी सरकार द्वारा बढ़ावा देने मुख्यमंत्री धमी की पीठ थपथपाई। शंकराचार्य चार धाम शीतकालीन यात्रा की सफलता की कामना की।

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