श्री बांकेबिहारी मंदिर में रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़े। भीड़ के दबाव ने हालात बिगाड़ दिए। व्यवस्थाएं पूरी तरह ध्वस्त हो गईं। मंदिर आने वाले रास्तों पर श्रद्धालु ही नजर आ रहे थे।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
श्री बांकेबिहारी मंदिर में रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़े। भीड़ के दबाव ने हालात बिगाड़ दिए। व्यवस्थाएं पूरी तरह ध्वस्त हो गईं। मंदिर आने वाले रास्तों पर श्रद्धालु ही नजर आ रहे थे। हालात ये थे कि मंदिर के अंदर ठहराव खत्म करने को सुरक्षागार्ड पसीना बहाते रहे और बाहर गलियों व बाजार में भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही थी। आसपास के इलाके में रह रहे लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे थे। भीड़ के बीच फंसे बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों की हालत खराब होने लगी। बच्चों की चीख सुन स्वजन ने उन्हें कंधों पर बिठाया तो बुजुर्गों को भीड़ से बाहर निकलकर दुकानों पर बिठाकर राहत दी गई। रविवार को मार्गशीर्ष शुक्ल पूर्णिमा पड़ने पर दिल्ली, एनसीआर समेत आसपास के प्रांतों से भी श्रद्धालुओं की भीड़ श्री बांकेबिहारी के दर्शन को वृंदावन पहुंच गई। मंदिर आने वाले रास्तों विद्यापीठ और जुगल घाट से मंदिर तक श्रद्धालुओं की भीड़ ही आगे बढ़ती नजर आ रही थी। प्रशासन ने श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने के लिए रेलिंग लगा रखी है। रेलिंग के अंदर और बाहर दोनों ही जगहों पर भीड़ का दबाव बना रहा। हालात ये कि श्रद्धालु रेंगते हुए मंदिर की ओर बढ़ रहे थे।