उत्तराखंड भवन में श्री केसव संगिनी सेवा न्यास प्रसिद्ध कथावाचक डॉ. भारती व्यास ने हाल ही में पुष्कर में आयोजित धार्मिक समारोह में श्रीमद् भागवत कथा का तीसरा दिन राजा बलि की कथा पर केंद्रित किया। उन्होंने अपने मनमोहक अंदाज में राजा बलि के त्याग, दान और भक्ति के गुणों को जीवंत कर दिया।
रिपोर्ट - रामेश्वर गौड़
राजस्थान पुष्कर, उत्तराखंड भवन में श्री केसव संगिनी सेवा न्यास प्रसिद्ध कथावाचक डॉ. भारती व्यास ने हाल ही में पुष्कर में आयोजित धार्मिक समारोह में श्रीमद् भागवत कथा का तीसरा दिन राजा बलि की कथा पर केंद्रित किया। उन्होंने अपने मनमोहक अंदाज में राजा बलि के त्याग, दान और भक्ति के गुणों को जीवंत कर दिया। डॉ. व्यास ने राजा बलि के जीवन की विभिन्न घटनाओं को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया, जिससे श्रोता भावविभोर हो उठे। उन्होंने राजा बलि और वामन अवतार के बीच हुई लीला को विस्तार से समझाया और बताया कि कैसे राजा बलि ने अपने सभी स्वामित्व को भगवान को समर्पित कर दिया। राजा के संकल्प लेने के बाद वामन देव ने अपना आकार बड़ा कर एक पग में पृथ्वी और दूसरे पग में स्वर्ग नाप लिया। इसके बाद उन्होंने राजा से कहा कि अब मैं तीसरा पग कहां रखूं? ये सुनकर राजा बलि का अहंकार टूट गया। तब बलि ने कहा कि तीसरा पग आप मेरे सिर पर रख सकते हैं। बलि की दान वीरता देखकर वामन देव प्रसन्न हुए और उसे पाताल लोक का राजा बना दिया। कथा के दौरान श्रोता पूरी तरह मंत्रमुग्ध थे। उन्होंने डॉ. व्यास के प्रत्येक शब्द को गौर से सुना और उनकी बातों को अपने हृदय में उतारा। कथा के अंत में श्रोताओं ने डॉ. व्यास का अभिनंदन किया और उन्हें आशीर्वाद दिया। श्री केशव संगिनी सेवा न्यास के संरक्षक राजेंद्र व्यास ने कहा पुष्कर में आयोजित यह धार्मिक उत्सव भक्तों के लिए एक बड़ा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस तरह के धार्मिक कार्यक्रम लोगों को धर्म और संस्कृति से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।