प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महाकुंभ को एकता और समता-समरसता का अद्वितीय संगम करार दिया। उन्होंने कहा कि कुंभ में कोई भेदभाव और जातिवाद नहीं होता, बल्कि यह परंपरा हजारों वर्षों से लोगों को जोड़ती रही है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महाकुंभ को एकता और समता-समरसता का अद्वितीय संगम करार दिया। उन्होंने कहा कि कुंभ में कोई भेदभाव और जातिवाद नहीं होता, बल्कि यह परंपरा हजारों वर्षों से लोगों को जोड़ती रही है। आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने महाकुंभ में युवाओं की बढ़ती भागीदारी पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब युवा अपनी सभ्यता के साथ गर्व से जुड़ते हैं, तो उनका भविष्य सुनिश्चित होता है। साथ ही, उन्होंने 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस का महत्व भी बताया। प्रधानमंत्री ने कुंभ, पुष्करम और गंगा सागर मेले को सामाजिक मेलजोल और एकता बढ़ाने वाले पर्वों के रूप में सराहा। उन्होंने कहा कि इन पर्वों के माध्यम से भारत की परंपनाएँ हर वर्ग के लोगों को एक सूत्र में बांधती हैं।