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राष्ट्रपति के संरक्षण वाले स्कूल का प्रकरण बलि का बकरा ढूंढ रहा है शिक्षा विभाग


उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य रहते हुए रामनाथ कोविंद ने जिस माधवराव देवले शिक्षा मंदिर, सेवा कुंज, चंडीघाट हरिद्वार के छात्रावास के लिए अपनी सांसद निधि से 25 लाख रुपए दिए थे। राष्ट्रपति बनने के बाद वह 23 सितंबर 2017 इस स्कूल का संचालन करने वाली ख्याति प्राप्त दिव्य प्रेम सेवा मिशन चंडीघाट पधारे थे।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¤à¤¨à¤®à¤£à¥€ डोभाल

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य रहते हुए रामनाथ कोविंद ने जिस माधवराव देवले शिक्षा मंदिर, सेवा कुंज, चंडीघाट हरिद्वार के छात्रावास के लिए अपनी सांसद निधि से 25 लाख रुपए दिए थे। राष्ट्रपति बनने के बाद वह 23 सितंबर 2017 इस स्कूल का संचालन करने वाली ख्याति प्राप्त दिव्य प्रेम सेवा मिशन चंडीघाट पधारे थे। उनको संस्था का संरक्षक बताया जाता है। इस हाई-प्रोफाइल मामले में राज्य सूचना आयुक्त जेपी ममगाई द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता रमेश चन्द्र शर्मा की द्वितीय अपील संख्या : ए (डी ) 31033/2019 बनाम सुभाष चन्द्र भट्ट लोक सूचना अधिकारी / संयुक्त निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, आनन्द भारद्वाज जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा हरिद्वार में 11अगस्त को पारित आदेश से नया मोड़ आ गया है। आयोग ने स्कूल की फर्जी मान्यता के इस प्रकरण को सचिव / प्रमुख सचिव प्रारंभिक शिक्षा उत्तराखंड को भेजा है। जिससे विभाग में हड़कंप मच गया है और बलि का बकरा ढूंढा जा रहा है। सूचना आयोग के आदेश के क्रम में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा उत्तराखंड ने रमेश चंद्र शर्मा को जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा हरिद्वार को माधवराव देवले शिक्षा मंदिर,सेवा कुंज चंडीघाट हरिद्वार को वर्ष 2000-01में नवीनीकरण मान्यता दिए जाने संबंधी जांच आख्या 27 मई 2019 की प्रति भेजी है। जांच आख्या में स्पष्ट तत्तकालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिद्वार द्वारा विद्यालय को मान्यता प्रदान करने में लापरवाही प्रदूषित होती है तथा कूट रचना कर अभिलेखों से छेड़छाड़ पर मान्यता प्रदान किए जाने के संबंधी पत्र संबंधित संस्था को दिया गया। उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा उत्तराखंड एमएस बिष्ट के हस्ताक्षर से 30 अगस्त 2019 को भेजें अनुस्मारक पत्र में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिद्वार को कार्यालय में तत समय मान्यता संबंधी कार्य कर रहे कार्यालय सहायक के विरुद्ध न्यायोचित अनुशासनात्मक कार्रवाई कर निदेशालय को अवगत कराने को निर्देशित किया गया था। लेकिन वह निदेशालय के आदेशों को ठेंगा दिखाते चले आ रहे हैं। निदेशक प्रारंभिक शिक्षा ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा हरिद्वार को 18 जनवरी 2019, 7 फरवरी 2019, 13 फरवरी 2019, 14 मई 2019, 27 मई 2019,18 जुलाई 2019, 21 अक्टूबर 2019 ,15 जनवरी 2020 को माधवराव देवले शिक्षा मंदिर को फर्जी कूट रचित मान्यता दिए जाने के दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 8 पत्र भेजें लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा द्वारा आयोग में सुनवाई के दौरान आयोग को बताया गया है 2000-01 में कूट रचित मान्यता देने वाले कार्यालय सहायक को ढूंढ़ा जा रहा है। आरटीआई कार्यकर्ता रमेश चंद्र शर्मा ने बताया कि वर्ष 2000-01 में अस्थाई मान्यता दी गई थी। जबकि वर्तमान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा हरिद्वार आनंद भारद्वाज ने वर्ष 2008 में अपर जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक रहते हुए 16 फरवरी 2008 को जिला मान्यता समिति की बैठक दिखाते हुए माधवराव देवले शिक्षा मंदिर सेवा कुंज चंडीघाट हरिद्वार को कक्षा एक से पांच तक की स्थायी मान्यता दे दी। चूंकि वह स्वयं स्थायी मान्यता देने में फंसे हुए हैं इसलिए 2000-01 में फर्जी मान्यता देने वाले के खिलाफ कार्रवाई न कर खुद को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना कि शिक्षा निदेशक भी खानापूर्ति के लिए बार-बार अनु स्मारक पत्र भेज रहे हैं। उन्होंने बताया कि हैरानी की बात यह कि जिस संस्था से राष्ट्रपति का नाम जुड़ा है उसका विद्यालय बिना मान्यता का अभी भी चल रहा है और पूरा सरकारी सिस्टम तमाशबीन बना बैठा है।

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