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यदि हाथ धोने की जगह मास्क लगाने को लेकर ज्यादा ध्यान दिया जाता तो कोरोना संक्रमण के प्रसार को कम किया जा सकता था।


कोरोना से बचाव के लिए अभी तक हाथ धोना और सतह को साफ रखना बेहद जरूरी माना जाता रहा है।हालांकि, हाथ धोने से भी ज्यादा जरूरी है मास्क का उपयोग करना।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

कोरोना से बचाव के लिए अभी तक हाथ धोना और सतह को साफ रखना बेहद जरूरी माना जाता रहा है।हालांकि, हाथ धोने से भी ज्यादा जरूरी है मास्क का उपयोग करना।सीएनएन के अनुसार वैज्ञानिकों का मानना है कि महामारी की शुरुआत से ही यदि हाथ धोने की जगह मास्क लगाने को लेकर ज्यादा ध्यान दिया जाता तो कोरोना संक्रमण के प्रसार को कम किया जा सकता था।कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी सेन फ्रांसिस्को में मेडिसिन विभाग की प्रोफेसर मोनिका गांधी ने अमेरिका की विज्ञान पत्रिका नॉटिलस को बताया कि संक्रमित व्यक्ति के मुंह और नाक से निकले ड्रॉपलेट और एयरोसोल के जरिये वायरस सबसे आसान तरीके से फैलता है।यह सतह के जरिये नहीं फैलता।सीएनएन के अनुसार उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि वायरस के तेजी से फैलने का सबसे बड़ा कारण सतह को छूना और आंखों को स्पर्श करना नहीं है, बल्कि एक दूसरे के संपर्क में आना है।डॉ जूलियन टैंग का कहना है कि ड्रॉपलेट के जरिये वायरस तेजी से फैलता है और इससे निपटने के लिए मास्क पहनना जरूरी है।हालांकि, सतह के संक्रमण ने दुनिया को भटका दिया।उन्होंने कहा कि सतह की साफ-सफाई में बहुत समय और पैसा खर्च होता है, जबकि सबसे ज्यादा जोखिम बिना मास्क के एक दूसरे से बातचीत में है।

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