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उप्र सरकार के सहयोग से गोरखपुर के 200 मृदाशिल्पकार प्रतिदिन 14 हजार दीये और लक्ष्मी-गणेश की 1000 मूर्तियां बना रहे हैं।


इस बार बाजार में दिवाली पर टेराकोटा और गोबर के दीये और मूर्तियों की रहेगी धूम|

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

उप्र सरकार के सहयोग से गोरखपुर के 200 मृदाशिल्पकार प्रतिदिन 14 हजार दीये और लक्ष्मी-गणेश की 1000 मूर्तियां बना रहे हैं।अब तक लक्ष्मी-गणेश की ढाई लाख प्रतिमाएं और 85 लाख दीये बना चुके हैं।लक्ष्य 10 लाख प्रतिमाएं और दो करोड़ दीये बनाने का है।वहीं, कामधेनु आयोग के प्रोत्साहन पर अनेक जगह गोबर से दीये बनाए जा रहे हैं।उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जून में घोषणा की थी कि देश में इस बार चीन से दीये और मूर्तियां नहीं मंगाई जाएंगी वरन स्वदेशी उत्पादों की आपूर्ति का प्रयास होगा।इसके बाद उप्र के मृदाशिल्पकार इस काम को मूर्त रूप देने में जुट गए।सरकार ने उन्हें हर आवश्यक संसाधन मुहैया कराया।डिजाइनर दीये और मूर्तियां बनाने के लिए डाई, कलर स्प्रे मशीन, मिट्टी और इलेक्टिकचाक प्रदान किए गए। गोरखपुर की बात करें तो एक जिला-एक उत्पाद योजना में शामिल टेराकोटा वर्क शहर से सटे गुलरिहा, औरंगाबाद, भरवलिया और एकला में होता है।जिला खादी एवं ग्रामोद्योग के एक अधिकारी ने बताया कि इस बार बाजार में सामान्य दीये एक से दो रुपये, टेराकोटा दीये दो रुपये और डिजानइर दीये पांच रुपये में मिलेंगे।पहले इनकी कीमत पांच से बीस रुपये तक थी।लक्ष्मी- गणेश की प्रतिमा 50 से 250 रुपये तक में मिलेंगी।

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