संत समाज ने दी बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विषà¥à¤£à¥à¤¦à¥‡à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ गिरी महाराज को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि.
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 19 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर । सूरत गिरी बंगले के पीठाधीशà¥à¤µà¤° महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विशà¥à¤µà¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ गिरी महाराज ने कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विषà¥à¤£à¥à¤¦à¥‡à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ गिरी महाराज à¤à¤• दिवà¥à¤¯ संत थे। उनके बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ होने से संत समाज को अपूरà¥à¤£à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¤¤à¤¿ हà¥à¤ˆ है। महानिरà¥à¤µà¤¾à¤£à¥€ अखाड़े के पंचपरमेशà¥à¤µà¤° के सानिधà¥à¤¯ में सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ रोड़ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ चेतनाननà¥à¤¦ गिरी आशà¥à¤°à¤® में आयोजित बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विषà¥à¤£à¥à¤¦à¥‡à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ गिरी महाराज की षोड़शी व सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामाननà¥à¤¦ गिरी महाराज के पटà¥à¤Ÿà¤¾à¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• के अवसर पर आयोजित शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि समारोह को संबोधित करते हà¥à¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विशà¥à¤µà¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ गिरी महाराज ने कहा कि संत समाज के पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ सà¥à¤°à¥‹à¤¤ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विषà¥à¤£à¥à¤¦à¥‡à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ गिरी महाराज à¤à¤• विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ संत थे। सनातन धरà¥à¤® को ऊंचाईयों पर ले जाने में उनके योगदान को सदैव सà¥à¤®à¤°à¤£ किया जाà¤à¤—ा। महंत नियà¥à¤•à¥à¤¤ कि गठसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामाननà¥à¤¦ गिरी महाराज को आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि योगà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥‚ को ही योगà¥à¤¯ शिषà¥à¤¯ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विषà¥à¤£à¥à¤¦à¥‡à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ गिरी के परम शिषà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामाननà¥à¤¦ गिरी महाराज अपने गà¥à¤°à¥‚ के दिखाठमारà¥à¤— पर चलते उनके अधूरे कारà¥à¤¯à¥‹ को आगे बà¥à¤¾à¤‚à¤à¤—े। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कर रहे निरà¥à¤µà¤¾à¤£ पीठाधीशà¥à¤µà¤° आचारà¥à¤¯ म.म.सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विशोकाननà¥à¤¦ गिरी महाराज ने बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विषà¥à¤£à¥à¤¦à¥‡à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ गिरी महाराज को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¸à¥à¤®à¤¨ अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि संतों का जीवन निरà¥à¤®à¤² जल के समान होता है। गà¥à¤°à¥‚ के सानिधà¥à¤¯ में ही शिषà¥à¤¯ के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ होता है। निरà¥à¤®à¤² जल के समान जीवन जीने वाले बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विषà¥à¤£à¥à¤¦à¥‡à¤µà¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ गिरी महाराज ने अपने सेवा पà¥à¤°à¤•à¤²à¥à¤ªà¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से सदैव समाज व राषà¥à¤Ÿà¥à¤° कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ में अपना योगदान दिया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विशोकाननà¥à¤¦ गिरी महाराज ने कहा कि संत समाज सदैव ही पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° के उदà¥à¤§à¤¾à¤° में अपना जीवन समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करता रहा है। संत महापà¥à¤°à¥‚षों ने सदैव राषà¥à¤Ÿà¥à¤° कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ में योगदान दिया है।