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दिव्य संत थे स्वामी विष्णुदेवानंद महाराज :महामंडलेश्वर विश्वेश्वरानंद गिरि


संत समाज ने दी ब्रह्मलीन स्वामी विष्णुदेवानन्द गिरी महाराज को श्रद्धांजलि.

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार 19 अक्टूबर । सूरत गिरी बंगले के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानन्द गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी विष्णुदेवानन्द गिरी महाराज एक दिव्य संत थे। उनके ब्रह्मलीन होने से संत समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है। महानिर्वाणी अखाड़े के पंचपरमेश्वर के सानिध्य में सन्यास रोड़ स्थित श्री चेतनानन्द गिरी आश्रम में आयोजित ब्रह्मलीन स्वामी विष्णुदेवानन्द गिरी महाराज की षोड़शी व स्वामी रामानन्द गिरी महाराज के पट्टाभिषेक के अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी विश्वेश्वरानन्द गिरी महाराज ने कहा कि संत समाज के प्रेरणा स्रोत ब्रह्मलीन स्वामी विष्णुदेवानन्द गिरी महाराज एक विद्वान संत थे। सनातन धर्म को ऊंचाईयों पर ले जाने में उनके योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा। महंत नियुक्त कि गए स्वामी रामानन्द गिरी महाराज को आशीर्वाद प्रदान करते हुए उन्होंने कहा कि योग्य गुरू को ही योग्य शिष्य की प्राप्ति होती है। ब्रह्मलीन स्वामी विष्णुदेवानन्द गिरी के परम शिष्य स्वामी रामानन्द गिरी महाराज अपने गुरू के दिखाए मार्ग पर चलते उनके अधूरे कार्यो को आगे बढ़ांएगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य म.म.स्वामी विशोकानन्द गिरी महाराज ने ब्रह्मलीन स्वामी विष्णुदेवानन्द गिरी महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। गुरू के सानिध्य में ही शिष्य के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। निर्मल जल के समान जीवन जीने वाले ब्रह्मलीन स्वामी विष्णुदेवानन्द गिरी महाराज ने अपने सेवा प्रकल्पों के माध्यम से सदैव समाज व राष्ट्र कल्याण में अपना योगदान दिया। स्वामी विशोकानन्द गिरी महाराज ने कहा कि संत समाज सदैव ही प्राणीमात्र के उद्धार में अपना जीवन समर्पित करता रहा है। संत महापुरूषों ने सदैव राष्ट्र कल्याण में योगदान दिया है।

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