अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ हिनà¥à¤¦à¥‚ परिषद राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ बजरंगदल के कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾à¤“ं दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जनà¥à¤® दिवस मनाया गया जिसमे सामूहिक रूप से कà¥à¤²à¤¦à¥‡à¤µà¤¤à¤¾ नागराज,मंदिर पर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ चालीसा का पाठकिया गया इस अबसर पर राजा à¤à¥ˆà¤¯à¤¾ ने हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी के जीवन को बताया योदà¥à¤§à¤¾ कैसे जीते है.
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤¯à¥‚रो
अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ हिनà¥à¤¦à¥‚ परिषद राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ बजरंगदल के कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾à¤“ं दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जनà¥à¤® दिवस मनाया गया जिसमे सामूहिक रूप से कà¥à¤²à¤¦à¥‡à¤µà¤¤à¤¾ नागराज,मंदिर पर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ चालीसा का पाठकिया गया इस अबसर पर राजा à¤à¥ˆà¤¯à¤¾ ने हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी के जीवन को बताया योदà¥à¤§à¤¾ कैसे जीते है. हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ की उड़ने की गति कितनी थी और कहा हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ की उड़ने की गति कितनी रही होगी उसका अंदाजा आप लगा सकते हैं की रातà¥à¤°à¤¿ को 9:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक लकà¥à¤·à¥à¤®à¤£ जी à¤à¤µà¤‚ मेघनाद का यà¥à¤¦à¥à¤§ हà¥à¤† था। मेघनाद दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ चलाठगठबाण से लकà¥à¤·à¥à¤®à¤£ जी को शकà¥à¤¤à¤¿ लगी थी लगà¤à¤— रात को 12:00 बजे के करीब और वो मूरà¥à¤›à¤¿à¤¤ हो गठथे। रामजी को लकà¥à¤·à¥à¤®à¤£ जी मूरà¥à¤›à¤¾ की जानकारी मिलना फिर दà¥à¤–ी होने के बाद चरà¥à¤šà¤¾ जे उपरांत हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी & विà¤à¥€à¤·à¤£à¤œà¥€ के कहने से सà¥à¤·à¥‡à¤£ वैदà¥à¤¯ को लंका से लेकर आठहोंगे 1 घंटे में अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ 1:00 बजे के करीबन। सà¥à¤·à¥‡à¤£ वैदà¥à¤¯ ने जांच करके बताया होगा कि हिमालय के पास दà¥à¤°à¥‹à¤£à¤¾à¤—िरी परà¥à¤µà¤¤ पर यह चार औषधियां मिलेगी जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ से पूरà¥à¤µ 5:00 बजे से पहले लेकर आना था ।इसके लिठरातà¥à¤°à¤¿ को 1:30 बजे हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी हिमालय के लिठरवाना हà¥à¤ होंगे। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ को ढाई हजार किलोमीटर दूर हिमालय के दà¥à¤°à¥‹à¤£à¤—िरि परà¥à¤µà¤¤ से उस औषधि को लेकर आने के लिठ3:30 घंटे का समय मिला था। इसमें à¤à¥€ उनका आधे घंटे का समय औषधि खोजने में लगा होगा ।आधे घंटे का समय कालनेमि नामक राकà¥à¤·à¤¸ ने जो उनको à¤à¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ किया उसमें लगा होगा à¤à¤µà¤‚ आधे घंटे का समय à¤à¤°à¤¤ जी के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उनको नीचे गिराने में तथा वापस à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ देने में लगा होगा।अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ आने जाने के लिये मातà¥à¤° दो घणà¥à¤Ÿà¥‡ का समय मिला था। मातà¥à¤° दो घंटे में हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी दà¥à¤°à¥‹à¤£à¤—िरी परà¥à¤µà¤¤ हिमालय पर जाकर वापस 5000 किलोमीटर की यातà¥à¤°à¤¾ करके आये थे, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ उनकी गति ढाई हजार किलोमीटर पà¥à¤°à¤¤à¤¿ घंटा रही होगी। आज का नवीनतम मिराज वायà¥à¤¯à¤¾à¤¨ की गति 2400 किलोमीटर पà¥à¤°à¤¤à¤¿ घंटा है ,तो हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी महाराज उससे à¤à¥€ तीवà¥à¤° गति से जाकर मारà¥à¤— के तीन-तीन अवरोधों को दूर करके वापस सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ से पहले आठ।यह उनकी विलकà¥à¤·à¤£ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के कारण संà¤à¤µ हà¥à¤† था। पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ मंतà¥à¤°à¥€ सà¥à¤°à¥‡à¤¶ सेमवाल ने बताया टà¥à¤°à¥‡à¤¨ ,à¤à¤°à¥‹à¤ªà¥à¤²à¥‡à¤¨, बकील का हिंदी में कà¥à¤¯à¤¾ नाम है.सूरà¥à¤¯ की गरà¥à¤®à¥€ कितनी मेगावाट है सूरà¥à¤¯ पृथà¥à¤¬à¥€ से कितनी दूरी पर है और उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड की à¤à¥Œà¤—ोलिक जानकारी कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾à¤“ं को दी उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कारà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ रविकà¥à¤®à¤¾à¤° ईषà¥à¤µà¤°, नवीन राणा,चाà¤à¤¦à¤¨à¥€ बहन, बंधना ,राजन,नीरज कà¥à¤°à¤·à¥à¤£à¤¾ आदि