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राष्ट्र निर्माण में संतों की अहम भूमिका-साक्षी महाराज


उन्नाव सांसद म.म.स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज ने कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल पहुंचकर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया और गुरूद्वारे में माथा टेका।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

हरिद्वार, 4 नवंबर। उन्नाव सांसद म.म.स्वामी सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज ने कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल पहुंचकर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया और गुरूद्वारे में माथा टेका। श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज से वार्ता के दौरान साक्षी महाराज ने कहा कि राष्ट्र की एकता व अखण्डता बनाए रखने में संतों की अहम भूमिका है और हरिद्वार के संतों ने विश्व पटल पर भारत का जो स्वरूप प्रस्तुत किया है। वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की अहम भूमिका है। संतों का जीवन सदैव परोपकार को समर्पित रहता है। आगामी महाकुंभ मेले पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की ध्वजा को पूरे विश्व में फहराता है। विश्व भर से लोग भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं। जो देश के लिए गौरव की बात है। श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि धर्म के संरक्षण व संवर्द्धन में निर्मल अखाड़ा हमेशा ही उल्लेखनीय भूमिका अदा करता रहा है। महाकुंभा मेला भारत के राष्ट्रीय एकता और सौहार्द को दर्शाता है। मेले में आयोजित सभी कार्यक्रमों से विश्व को आध्यात्मिक संदेश एक नए स्वरूप में प्राप्त होता है। जो सभी लोगों को अपनी और आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि अखाड़े द्वारा चलाए जा रहे सेवा प्रकल्पों के जरिए मानव सेवा में भी योगदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संतों के सानिध्य में ही व्यक्ति को आध्यात्मिक व सांसारिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। जिससे उसके कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल गुरूओं की विरासत को संजोकर राष्ट्र कल्याण व मानव सेवा में अपना योगदान कर रहा है। सभी को गुरूओं के दिखाए मार्ग पर चलते धर्म व राष्ट्र सेवा के लिए तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2021 में हरिद्वार में आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला ऐतिहासिक होगा। कुंभ के दौरान गंगा तट पर होने वाला विशाल संत समागम पूरे विश्व को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि संतों ने सदैव समाज को नई दिशा प्रदान की है। और लोगों को सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया है। महंत अमनदीप सिंह महाराज ने कहा कि संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है। संत सदैव ही धर्म के संरक्षण सवंर्द्धन में जीवन व्यतीत कर राष्ट्र को उन्नति की और अग्रसर करते रहे हैं। संतों के जीवन से प्रेरणा लेकर सभी को मानव सेवा हेतु समर्पित रहना चाहिए। क्योंकि मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। इस अवसर पर महंत खेमसिंह, महंत सतनाम सिंह, महंत गुरूभक्त सिंह, संत रामस्वरूप सिंह, संत रोहित सिंह, संत जसकरण सिंह, संत सुखमन सिंह, महंत रंजय सिंह, संत तलविन्दर सिंह आदि उपस्थित रहे।

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