आज à¤à¤• अखाड़े दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गंगा पूजन किया गया और पूजन के दौरान गंगा सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ की शपथ à¤à¥€ ली गई लेकिन पूजन करते समय ही अखाड़े के संत गंगा सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ को à¤à¥‚ल गà¤, वह à¤à¥‚ल गठकी हमने गंगा सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ की शपथ ली है |
रिपोर्ट - रामेशà¥à¤µà¤° गौड़
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° हर की पौड़ी पर आज à¤à¤• अखाड़े दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गंगा पूजन किया गया और पूजन के दौरान गंगा सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ की शपथ à¤à¥€ ली गई लेकिन पूजन करते समय ही अखाड़े के संत गंगा सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ को à¤à¥‚ल गà¤, वह à¤à¥‚ल गठकी हमने गंगा सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ की शपथ ली है | अगर अखाड़ों के इतिहास पर जाये तो अखाड़ों का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कालांतर में शंकराचारà¥à¤¯ के आविरà¥à¤à¤¾à¤µ काल सन 788 से 820 के उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¦à¥à¤§ में देश के चार कोनों में चार शंकर मठों और दशनामी संपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की बाद में इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ दशनामी सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के अनेक अखाड़े पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ हà¥à¤ जिनमें सात पंचायती अखाड़े आज à¤à¥€ अपनी लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के अंतरà¥à¤—त समाज में कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ हैं । अखाड़े, संतो के गठन को कहा जाता है जो धरà¥à¤® की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठविशेष पारंपरिक रूप से गठित किठगठहैं । अपनी धरà¥à¤® धà¥à¤µà¤œà¤¾ ऊंची रखने और विधरà¥à¤®à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ से अपने धरà¥à¤®, धरà¥à¤® सà¥à¤¥à¤², धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¤‚थ, धरà¥à¤® संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, और धारà¥à¤®à¤¿à¤• परंपराओं की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठकिसी जमाने में संतों ने मिलकर à¤à¤• सेना का गठन किया था वहीं सेना आज अखाड़ों के रूप में विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ हैं। कà¥à¤¯à¤¾ आज यह अखाड़े धरà¥à¤® की रकà¥à¤·à¤¾ कर रहे है?, कà¥à¤¯à¤¾ यह अपनी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की रकà¥à¤·à¤¾ कर रहे है?आज संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठबने यह अखाड़े धरà¥à¤® à¤à¥‚ल चà¥à¤•à¥‡ हैं आज कà¥à¤‚ठमेले को सकà¥à¤¶à¤² संपनà¥à¤¨ कराने के लिठहर की पौड़ी पर माठगंगा का पूजन व आरती की गई और मां गंगा को सà¥à¤µà¤šà¥à¤› रखने की शपथ à¤à¥€ ली गई थी | लेकिन शपथ लेने वाले संत गंगा किनारे हर की पौड़ी पूजा सà¥à¤¥à¤² पर पूजा करते हà¥à¤ गंगा की सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं रखा गया | गंगा में सैकड़ों मालाà¤à¤‚ व फल à¤à¤¸à¥‡ फेंके जा रही थे जैसे किसी गंदे नाले में फेंकी जा रही हो? यह नजारा वहां बैठे कà¥à¤› गंगा पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€, महामंडलेशà¥à¤µà¤° व à¤à¤•à¥à¤¤ देख रहे थे जो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बहà¥à¤¤ बà¥à¤°à¤¾ तो लग रहा था लेकिन कà¥à¤› कह नहीं पा रहे थे| जबकि उसी सà¥à¤¥à¤² पर गंगा की सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ व अविरलता को लेकर शपथ ली जा रही थी| कि हम सà¤à¥€ लोग माठगंगा को सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ अविरलता का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखेंगे ना गंदगी करेंगे और ना किसी को गंदगी करने देंगे इन संतों की कथनी और करनी में कितना फरà¥à¤• है यह आज देखने को मिला जबकि अखाड़ों की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ धरà¥à¤® की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठहà¥à¤ˆ थी लेकिन यह अखाड़े यह à¤à¥‚ल चà¥à¤•à¥‡ हैं आज माठगंगा परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की कितनी बà¥à¤°à¥€ हालत है यह किसी से छà¥à¤ªà¥€ नहीं है सैकड़ों गंदे सीवर के नाले हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में ही माठगंगा में गिर रहे हैं लेकिन आज तक कोई à¤à¥€ अखाड़ा इसका विरोध तक नहीं कर पाया है आज तक किसी अखाड़े ने धरà¥à¤® की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठमाठगंगा की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठधरना पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ या कोई बड़ा आंदोलन नहीं चलाया गया है यहां तक कि गंगा की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठआंदोलन करते करते कई संतों ने अपने पà¥à¤°à¤¾à¤£ तà¥à¤¯à¤¾à¤— दिठलेकिन किसी अखाड़े ने उनका समरà¥à¤¥à¤¨ तक नहीं किया à¤à¤¸à¥‡ में इन अखाड़ों की माठगंगा के पà¥à¤°à¤¤à¤¿, धरà¥à¤® के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ कैसी बगà¥à¤²à¤¾ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ है? कà¥à¤‚ठदौरान अखाड़ों का परिचय कराया जाता है तो बताया जाता है अखाड़े धरà¥à¤® की रकà¥à¤·à¤¾ करते हैं लेकिन यह अखाड़े कैसी रकà¥à¤·à¤¾ करते हैं यह आज हर की पौड़ी पर गंगा पूजा के दौरान सà¤à¥€ ने देखा कि किस तरह से माठगंगा को दूषित किया जा रहा था और à¤à¥‚ठी शपथ ली जा रही थी कि हम गंगा की रकà¥à¤·à¤¾ करेंगे और ना गंगा को पà¥à¤°à¤¦à¥‚षित होने देंगे और ना दूषित करेंगे ।