Latest News

प्रजातंत्र का ब्रेक डाउन


कोविड - 19 के प्रथम चरण में मध्य प्रदेश में एक सरकार का तख्ता पलट कर अपनी सरकार बनाने तक लॉकडाउन को रोक कर पार्लियामेंट को चलते रहने दिया गया था।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¤à¤¨à¤®à¤£à¥€ डोभाल

वैश्विक कोविड -19 वायरस जो लाखों जिंदगियों को लील चुका है। लाइलाज महामारी में रोज अपने किसी न किसी को खोते जा रहे देशवासियों को जब प्रजातांत्रिक ढंग से चुनी हुई पार्लियामेंट ( लोकसभा ), लेजिस्लेटिव असेंबली (विधानसभा) की जरूरत है तब वह ब्रेक डाउन में है। देश ने देखा है कि कोविड - 19 के प्रथम चरण में मध्य प्रदेश में एक सरकार का तख्ता पलट कर अपनी सरकार बनाने तक लॉकडाउन को रोक कर पार्लियामेंट को चलते रहने दिया गया था। फिर जब कोविड की दूसरी वेब दस्तक दे चुकी थी तब बजट अधिवेशन आयोजित किया गया, जो आवश्यक भी था। बजट भी आनन - फानन में पारित कराया गया, जिसमें भी कोविड महामारी की रोकथाम तथा वैक्सीनेशन कराने तथा लचर पब्लिक हेल्थ सिस्टम को पटरी पर लाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जब जनता चाहती है कि हमारी चुनी हुई लोकसभा तथा राज्य विधानसभा चले।महामारी से रक्षा को लेकर हमारे चुने हुए प्रतिनिधि सांसद व विधायक क्या सोचते हैं और लोगों को टीका क्यों नहीं मिल पा रहा है और कैसे वैक्सीन मिल सकती है।इसको लेकर उनके क्या विचार हैं यह उनके मुख से सुनना चाहते हैं। लेकिन पार्लियामेंट का विशेष सत्र बुलाने की मांग करने के बाद भी अधिवेशन बुलाया नहीं गया है। कोविड लॉकडाउन की आड़ में राज्य विधानसभाएं भी नहीं चल रही हैं। यानि जब जनता को प्रजातंत्र की जरूरत है तब वह स्थगित है, ब्रेक डाउन में है। प्रधानमंत्री मुख्यमंत्रियों, पंचायत प्रतिनिधियों, जोगियों, नौकरशाहों से भाजपा कार्यकर्ताओं से वर्चुअल मन की बात कर सकते हैं लेकिन जनता के मन की बात सुनने के लिए वह उनके चुने हुए प्रतिनिधि सांसद, विधायक से वर्चुअल भी नहीं हो रहे हैं जाहिर है वह किसी की सुनना ही नहीं चाहते हैं केवल सुनाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री वर्चुवल लोकसभा का विशेष कोविड सत्र तथा मुख्यमंत्री विधानसभा का वर्चुवल सत्र बुलाकर सांसदों-विधायकों से फीड बैक तथा महामारी में जनता की रक्षा कैसे की जाए और किस प्रकार की राहत की जरूरत है जानकारी ले सकते थे। लेकिन इसके बजाय दोनों प्रजातांत्रिक संस्थाओं को ब्रेक डाउन में डाल दिया गया है। इस मामले में केरल ही एक उम्मीद है। केरल सरकार ने कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए जो शानदार काम किया है और कर रही है उसके घोर विरोधी भी वामपंथी सरकार की तारीफ कर रहे हैं। केरल की जनता ने फिर से उसको जबरदस्त जनादेश दिया है। नवनिर्वाचित पिनराई विजयन सरकार ने शपथ लेते ही विधानसभा सत्र बुलाया और नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के साथ विधानसभा का सत्र भी चला रही है। विधानसभा ने सर्वसम्मति से केंद्र से राज्यों को सभी नागरिकों के टीकाकरण के लिए मुफ्त वैक्सीन देने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने सभी गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों से संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री से मुफ्त वैक्सीन की मांग करने का सुझाव भी दिया है। धुर विरोधी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन सहित कई अन्य मुख्यमंत्रियों से वैक्सीनेशन को लेकर बात की है।यह एक अच्छी शुरुआत है।

Related Post