उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° सिंह रावत हरेला परà¥à¤µ पर बडे मिशन के साथ जनपद चमोली के चार दिवसीय à¤à¥à¤°à¤®à¤£ पर है।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
चमोली 17 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ,2021, उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° सिंह रावत हरेला परà¥à¤µ पर बडे मिशन के साथ जनपद चमोली के चार दिवसीय à¤à¥à¤°à¤®à¤£ पर है। पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने हरेला परà¥à¤µ पर पूरे राजà¥à¤¯ में à¤à¤• लाख पीपल, वट और बरगद के पेड लगाने का संकलà¥à¤ª लिया है। जिसमें से 11 हजार पेड उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ चमोली जनपद में लगाठजा रहे है। अपने à¤à¥à¤°à¤®à¤£ के पहले दिन पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने गौचर से इस अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ की शà¥à¤°à¥‚आत करते हà¥à¤ à¤à¤°à¤¾à¤¡à¥€à¤¸à¥ˆà¤‚ण, गैरसैंण तक पीपल, वट à¤à¤µà¤‚ बरगद के पेड लगाà¤à¥¤ वही दूसरे दिन करà¥à¤£à¤ªà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤—, सोनला, बिरही, पाखी तथा कलà¥à¤ªà¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° में वृहद सà¥à¤¤à¤° पर वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ किया। जिले में पहà¥à¥…चने पर पारà¥à¤Ÿà¥€ कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾à¤“ं ने पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ का जोरदार सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° सिंह रावत ने कहा कि धरती पर जीवन बनाठरखने के लिठपà¥à¤°à¤¾à¤£ वायॠके रूप में ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ सबसे जरूरी है। पीपल व बरगद के वृकà¥à¤· हमें 24 घंटे ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ देते हैं। इन पौधों का धारà¥à¤®à¤¿à¤• महतà¥à¤µ à¤à¥€ है। वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• महतà¥à¤µ के न होने से धीरे-धीरे इन पौधों के रोपण को लेकर लोगों की रà¥à¤šà¤¿ कम होती जा रही है। औषधीय गà¥à¤£à¥‹à¤‚ से à¤à¤°à¤ªà¥‚र पीपल व बरगद के पौधे लगाने के लिठसà¤à¥€ को आगे आने की जरूरत है। शहरों में लगातार हो रहे निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के चलते सामानà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ के पेड़-पौधे à¤à¥€ तेजी से समापà¥à¤¤ हà¥à¤ हैं, लेकिन पीपल व बरगद के पेड़ दूर-दूर तक नजर नहीं आते हैं। गांवों में à¤à¥€ इनकी संखà¥à¤¯à¤¾ अतà¥à¤¯à¤‚त सीमित हो गई है। बरगद के फल, दूध, पतà¥à¤¤à¥‡ व छाल में à¤à¥€ औषधीय गà¥à¤£ होते हैं। परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ को शà¥à¤¦à¥à¤§ रखने के साथ सà¥à¤µà¤šà¥à¤› हवा की जरूरत को पूरा करने के लिठपीपल व बरगद के पौधों के रोपण की जरूरत है।