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चमोली में पूर्व मुख्यमंत्री ने हरेला पर्व पर पूरे राज्य में एक लाख पीपल, वट और बरगद के पेड लगाने का संकल्प लिया है।


उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत हरेला पर्व पर बडे मिशन के साथ जनपद चमोली के चार दिवसीय भ्रमण पर है।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

चमोली 17 जुलाई,2021, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत हरेला पर्व पर बडे मिशन के साथ जनपद चमोली के चार दिवसीय भ्रमण पर है। पूर्व मुख्यमंत्री ने हरेला पर्व पर पूरे राज्य में एक लाख पीपल, वट और बरगद के पेड लगाने का संकल्प लिया है। जिसमें से 11 हजार पेड उनके द्वारा चमोली जनपद में लगाए जा रहे है। अपने भ्रमण के पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री ने गौचर से इस अभियान की शुरूआत करते हुए भराडीसैंण, गैरसैंण तक पीपल, वट एवं बरगद के पेड लगाए। वही दूसरे दिन कर्णप्रयाग, सोनला, बिरही, पाखी तथा कल्पेश्वर में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया। जिले में पहुॅचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया। पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि धरती पर जीवन बनाए रखने के लिए प्राण वायु के रूप में ऑक्सीजन सबसे जरूरी है। पीपल व बरगद के वृक्ष हमें 24 घंटे ऑक्सीजन देते हैं। इन पौधों का धार्मिक महत्व भी है। व्यवसायिक महत्व के न होने से धीरे-धीरे इन पौधों के रोपण को लेकर लोगों की रुचि कम होती जा रही है। औषधीय गुणों से भरपूर पीपल व बरगद के पौधे लगाने के लिए सभी को आगे आने की जरूरत है। शहरों में लगातार हो रहे निर्माण के चलते सामान्य श्रेणी के पेड़-पौधे भी तेजी से समाप्त हुए हैं, लेकिन पीपल व बरगद के पेड़ दूर-दूर तक नजर नहीं आते हैं। गांवों में भी इनकी संख्या अत्यंत सीमित हो गई है। बरगद के फल, दूध, पत्ते व छाल में भी औषधीय गुण होते हैं। पर्यावरण को शुद्ध रखने के साथ स्वच्छ हवा की जरूरत को पूरा करने के लिए पीपल व बरगद के पौधों के रोपण की जरूरत है।

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