चेतन जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ आशà¥à¤°à¤® के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ऋषिशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚द महाराज ने कहा है कि किसी à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की सफलता और उसके जीवन में सफल होने के लिठगà¥à¤°à¥ का होना आवशà¥à¤¯à¤• है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि गà¥à¤°à¥ ही à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° वह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 24 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆà¥¤ चेतन जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ आशà¥à¤°à¤® के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ऋषिशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚द महाराज ने कहा है कि किसी à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की सफलता और उसके जीवन में सफल होने के लिठगà¥à¤°à¥ का होना आवशà¥à¤¯à¤• है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि गà¥à¤°à¥ ही à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° वह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ है। जो अपने शिषà¥à¤¯ को अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ के अंधकार से निकालकर जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ में इस दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का परिचय करवाता है। à¤à¥‚पतवाला सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ आशà¥à¤°à¤® में गà¥à¤°à¥ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ के परà¥à¤µ पर शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को संबोधित करते हà¥à¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ऋषिशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤‚द महाराज ने कहा कि गà¥à¤°à¥ शिषà¥à¤¯ परंपरा अनादि काल से चली जा रही है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में गà¥à¤°à¥ को बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾, विषà¥à¤£à¥ और महेश की उपाधि देकर सरà¥à¤µà¤¾à¥‡à¤šà¥à¤š सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया गया है। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का गà¥à¤°à¥ उसका सबसे अचà¥à¤›à¤¾ मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤• होता है। जो अपने शिषà¥à¤¯ का जीवन तराश सकता है और निखार सकता है। यà¥à¤µà¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ साधॠसमाज के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· महंत शिवानंद महाराज ने कहा कि गà¥à¤°à¥ अपने शिषà¥à¤¯ को जीवन में निरंतर आगे बà¥à¤¨à¥‡ और आने वाली परेशानियों का सामना करने तथा निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ लकà¥à¤·à¥à¤¯ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ में मदद करता है। वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को जीवन परà¥à¤¯à¤‚त नई चीजें सीखते रहना चाहिà¤à¥¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जरूरी नहीं कि पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤•à¥‚ल के अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• ही आपके गà¥à¤°à¥ हों। गà¥à¤°à¥ तो जीवन के किसी à¤à¥€ मोड़ में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को मिल सकते हैं। जो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को संसारी जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का बोध करा कर हमेशा अचà¥à¤›à¤¾ करने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ देते हैं।