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गुरु तेग बहादुर जी का 344 वां शहीदी दिवस मनाया


गुरु तेग बहादुर जी का 344 वां शहीदी दिवस मनाया गया राष्ट्र एवं धर्म रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर ने दिया बलिदान महन्त जसविंदर सिंह शास्त्री हरिद्वार 1 दिसंबर। सिखों के नौवें वे गुरु गुरु तेग बहादुर जी का आज 344 वां शहीदी दिवस श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा कनखल में भावपूर्ण तरीके से मनाया गया ।

रिपोर्ट  - 

गुरु तेग बहादुर जी का 344 वां शहीदी दिवस मनाया गया राष्ट्र एवं धर्म रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर ने दिया बलिदान महन्त जसविंदर सिंह शास्त्री हरिद्वार 1 दिसंबर। सिखों के नौवें वे गुरु गुरु तेग बहादुर जी का आज 344 वां शहीदी दिवस श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा कनखल में भावपूर्ण तरीके से मनाया गया ।इस अवसर पर शब्द कीर्तन और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अखंड पाठ का भोग चढ़ाया गया और अरदास की गई और लंगर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संगत को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता निर्मल पंचायती अखाड़ा के कोठारी महन्त जसविंदर सिंह शास्त्री ने कहा कि यदि गुरु तेग बहादुर नहीं होते तो भारत का नक्शा कुछ और ही होता । गुरु तेग बहादुर जी धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए अपना शीष भी कटवाने से पीछे नहीं हटे और उन्होंने अपना बलिदान दे दिया है । उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों आदर्शों एवं सिद्धांत की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दी। उनका स्थान पूरे विश्व में अद्वितीय है। मुकामी महन्त अमनदीप महाराज ने कहा कि गुरु महाराज का बलिदान केवल धर्म पालन के लिए ही नहीं अपितु समस्त मानवीय सांस्कृतिक विरासत की खातिर था।गुरु तेग बहादुर जी वीरता ,निडरता ,सहनशीलता, कोमलता और सौम्यता की एक बड़ी मिसाल थे ।वे भारत भूमि की एक बड़ी ढाल थे और उन्होंने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। इस अवसर पर डॉक्टर स्वामी केशवानंद महाराज, महन्त बलजिंदर सिंह , महन्त सतनाम सिंह, महन्त खेम सिंह, महन्त जमुनादास, महन्त हरभजन सिंह , महन्त अजीत सिंह ,महन्त गुरूमीत सिंह , महन्त हरचरण सिंह महन्त लड्डू सिंह, महन्त शिव शंकर गिरी, महन्त गुरूमाल सिंह ,ग्रंथी संत अंकित सिंह ,ज्ञानी संत अमर जीत सिंह मौजूद थे।

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