जब 1928 में à¤à¤—त सिंह को कहा था कà¥à¤› शबà¥à¤¦ जो निमà¥à¤¨ है,मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ मौका दीजिà¤,मेरी जिंदगी देश के लिठकाम आà¤,खाश मेरी जिंदगी वतन में काम आà¤,खà¥à¤¶à¤¨à¤¸à¥€à¤¬ होते हैं
रिपोर्ट -
शहीद उधम सिंह जी को à¤à¤¾à¤µà¤à¥€à¤¨à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि| जब 1928 में à¤à¤—त सिंह को कहा था कà¥à¤› शबà¥à¤¦ जो निमà¥à¤¨ है,मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ मौका दीजिà¤,मेरी जिंदगी देश के लिठकाम आà¤,खाश मेरी जिंदगी वतन में काम आà¤,खà¥à¤¶à¤¨à¤¸à¥€à¤¬ होते हैं वह लोग,जिनका खून देश के काम आà¤,ना खौफ है मौत का ना आरजू है जनà¥à¤¨à¤¤ की,मगर जब बचà¥à¤šà¥‡ करो हो अपनो का,काश मेरा à¤à¥€ नाम आà¤,à¤à¤—त ने कहा,उड़ जाती है नींद यह सोचकर,देश के लिठदे देंगे कà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨à¥€,अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ शमशीरे तानी होती है,धनà¥à¤¯ जवानी उसी की होती है जो देश के काम आती है,आओ à¤à¥à¤• के करे सलाम उनको,जिनके हिसà¥à¤¸à¥‡ में यह मà¥à¤•à¤¾à¤® आता है,खà¥à¤¶à¤¨à¤¸à¥€à¤¬ होते हैं वे लोग,जिनका खून देश के लिठकाम आता है,,, चौधरी डूंगर सियाग अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• बाड़मेर राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨