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नारी शक्ति की व्यक्तित्व निर्माण के साथ राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका -स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने यूजीसी-एचआरडीसी, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा ‘उच्च शिक्षा स्तर पर व्यावसायिक विकास केंद्र’ पर आधारित 15 दिवसीय कार्यक्रम का आॅनलाइन उद्घाटन कर उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों, प्रोफेसर्स और पीएचडी स्कालर्स को सम्बोधित किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 16 फरवरी। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने यूजीसी-एचआरडीसी, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा ‘उच्च शिक्षा स्तर पर व्यावसायिक विकास केंद्र’ पर आधारित 15 दिवसीय कार्यक्रम का आॅनलाइन उद्घाटन कर उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों, प्रोफेसर्स और पीएचडी स्कालर्स को सम्बोधित किया। राष्ट्रगान के साथ इस कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, केरल के माननीय राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान जी, यूनिवर्सिटी ग्रान्ट कमीशन के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार, प्रोफेसर गीता सिंह, प्रोफेसर माला कपाड़िया, प्रोफेसर गिरीश्वर मिश्र, प्रोफेसर नीता बाजपेयी और अन्य विशिष्टगण उपस्थित थे। माननीय राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान जी ने कहा कि ‘मातृ शक्ति राष्ट्र शक्ति’ विषय आज की जरूरत भी है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों और पीएचडी स्कालर्स को सम्बोधित करते हुये कहा कि सनातन संस्कृति में स्पष्ट उल्लेख मिलता है कि भारत और भारतीय संस्कृति के निर्माण में नर और नारी दोनांे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। भारतीय संस्कृति और राष्ट्र को जीवंत और जाग्रत बनाये रखने हेतु गार्गी, मैत्रेयी अपाला जैसी विदुषियों का अद्भुत और अविस्मरणीय योगदान रहा है। आधुनिक काल में भी नारी शक्ति देश के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

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