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जो बदलाव आप दुनिया में लाना चाहते है उसके लिये पहले अपने आप को तैयार करें - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने बीएचईएल हरिद्वार में आयोजित आस्था डिस्ट्रिक्ट कान्फ्रेंस हरिद्वार-2022 में मुख्य अतिथि के रूप में सहभाग कर सभी को सम्बोधित किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 19 मार्च। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने बीएचईएल हरिद्वार में आयोजित आस्था डिस्ट्रिक्ट कान्फ्रेंस हरिद्वार-2022 में मुख्य अतिथि के रूप में सहभाग कर सभी को सम्बोधित किया। इस अवसर पर आर आई प्रेसिडेंट 2021-2022 शेखर मेहता, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अजय मदान, कान्फ्रेंस सेके्रटरी ललित सचदेवा, काफ्रेंस को-चेयरमेन विवेक मिश्रा, अस्सिटेंट गवर्नर जोन, पंकज पाण्डेय जी और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग किया। रोटेरियंस की दो दिवसीय आस्था डिस्ट्रिक कान्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुये स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि रोटरी का आदर्श वाक्य है ’स्व से उपर सेवा’ वास्तव में यही सूत्र है सेवा का। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि मानव जीवन का उद्देश्य ही है अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है। लक्ष्य सबके अलग-अलग हो सकते हैं किसी का स्व उन्नति, किसी का सेवा, तो किसी का साधना या आध्यात्मिक उन्नति। जब हम लक्ष्य की ओर बढ़ते है तो उसेे प्राप्त करने में बहुत सी बाधााओं का सामना भी करना पड़ सकता है, कई बार वहां तक पहुंचने का रास्ता डरावना भी हो सकता है परन्तु सतत आगे बढ़ते रहने पर हर रास्ता, लक्ष्य तक ले जाता है और अपने सपनों तक वे ही लोग पहुंच पाते है जिनका मनोबल मजबूत होता है। दूसरा सबसे जरूरी है धैर्य रोटरी ने जिस तरह अपनी यात्रा को आगे बढ़ाया वह धैर्य और निरंतरता का उत्कृष्ट उदाहरण है। स्वामी जी ने कहा कि जीवन का उद्देश्य है सपने देखो और आगे बढ़ो तथा जो बदलाव आप दुनिया में लाना चाहते हो उसके लिये पहले अपने आप को तैयार करें। भारत के पास संस्कारों का अनमोल खजाना है जो हर भारतवासी को धरोहर के रूप में मिला है उन संस्कारों के साथ जीवन में आगे बढ़ते रहंे। रोटरी ने वर्ष 1985 में प्लस पोलियो कार्यक्रम की स्थापना की थी। उसके पश्चात रोटरी सदस्यों ने दुनिया के 122 देशों में 2 बिलियन से अधिक बच्चों के टीकाकरण में मदद की तथा प्लस पोलियो मुक्त दुनिया के निर्माण हेतु 1Û2 बिलियन अमेरिकी डाॅलर का योगदान दिया। साथ ही रोटरी, विश्व स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरणीय परियोजनाओं तथा अन्य मानवीय कार्यक्रमों में अपना उत्कृष्ट योगदान प्रदान कर रहा है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने रोटेरियंस को पर्यावरण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।

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