हिरणà¥à¤¯à¤•à¤¶à¥à¤¯à¤ª,हिरणà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤· और होलिकोतà¥à¤¸à¤µ का à¤à¤• दूसरे से अननà¥à¤¯ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ है। हिरणà¥à¤¯à¤•à¤¶à¥à¤¯à¤ª और हिरणà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤· तथा होलिका सगे à¤à¤¾à¤ˆ बहिन थे। दैतà¥à¤¯ कà¥à¤² में जनà¥à¤®à¥‡à¤‚ थे तो देवताओं से सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• वैर रखते थे।à¤à¤• दिन हिरणà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤· ने देव संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के पवितà¥à¤° गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ वेदों को चà¥à¤°à¤¾ लिया और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लेकर पाताल लोक में जा छिपा।
रिपोर्ट - उमा घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
होलिका, पà¥à¤°à¤¹à¤²à¤¾à¤¦, हिरणà¥à¤¯à¤•à¤¶à¥à¤¯à¤ª,हिरणà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤· और होलिकोतà¥à¤¸à¤µ का à¤à¤• दूसरे से अननà¥à¤¯ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ है। हिरणà¥à¤¯à¤•à¤¶à¥à¤¯à¤ª और हिरणà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤· तथा होलिका सगे à¤à¤¾à¤ˆ बहिन थे। दैतà¥à¤¯ कà¥à¤² में जनà¥à¤®à¥‡à¤‚ थे तो देवताओं से सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• वैर रखते थे।à¤à¤• दिन हिरणà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤· ने देव संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के पवितà¥à¤° गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ वेदों को चà¥à¤°à¤¾ लिया और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लेकर पाताल लोक में जा छिपा।à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ वेदों की खोज में निकले और हिरणà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤· का वध कर वेदों को वापस ले आये। हिरणà¥à¤¯à¤•à¤¶à¥à¤¯à¤ª ने जब यह सà¥à¤¨à¤¾ तो वह à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ का घोर विरोधी हो गया। उसने अपने राजà¥à¤¯ में विषà¥à¤£à¥ का नाम à¤à¥€ न लेने की घोषणा करवा दी।हिरणà¥à¤¯à¤•à¤¶à¥à¤¯à¤ª की पटरानी का नाम कयादॠथा। वह ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤•à¥à¤¤ थी। उसी के पà¥à¤¤à¥à¤° का नाम पà¥à¤°à¤¹à¤²à¤¾à¤¦ था। पà¥à¤°à¤¹à¤²à¤¾à¤¦ माठकी à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ ही विषà¥à¤£à¥ à¤à¤•à¥à¤¤ था। हिरणà¥à¤¯à¤•à¤¶à¥à¤¯à¤ª न अपने à¤à¤¾à¤ˆ की मृतà¥à¤¯à¥ का बदला लेने के लिये बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ की तपसà¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ कर दी। सनातन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की à¤à¤• विशेषता यह à¤à¥€ है कि तपसà¥à¤¯à¤¾ करने वाला चाहे दà¥à¤°à¥à¤—à¥à¤£à¥€ ही कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न हो ,परनà¥à¤¤à¥ उसकी तपसà¥à¤¯à¤¾ का फल देना अनिवारà¥à¤¯ है। यह बिलà¥à¤•à¥à¤² पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के समान है।अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ जो परिशà¥à¤°à¤® करता है उसे फल अवशà¥à¤¯ मिलता है। हिरणà¥à¤¯à¤•à¤¶à¥à¤¯à¤ª की तपसà¥à¤¯à¤¾ पूरà¥à¤£ हà¥à¤ˆà¥¤ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ हà¥à¤ और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वरदान मांगने के लिठकहा। हिरणà¥à¤¯à¤•à¤¶à¥à¤¯à¤ª ने वरदान मांगा कि उसकी मृतà¥à¤¯à¥ न तो आकाश में हो, न पृथà¥à¤µà¥€ में हो, न अंदर हो ,न बाहर हो ,न दिन में हो ,न रातà¥à¤°à¤¿ में हो और किसी असà¥à¤¤à¥à¤°-शसà¥à¤¤à¥à¤° के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥€ उसकी मृतà¥à¤¯à¥ न हो , कोई वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ और पशॠà¤à¥€ उसे मार न सके। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ वरदान देने के लिठमजबूर थे। इसलिठउसे वरदान मिल गया। वह à¤à¤• सशकà¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ बन कर लौटा और मनमाने अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° करने लगा। चारों ओर तà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤¿-तà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤¿ मच गई। à¤à¤¸à¥‡ समय में जबकि हिरणà¥à¤¯à¤•à¤¶à¥à¤¯à¤ª ने चारों ओर विषà¥à¤£à¥ का नाम न लेने की घोषणा की थी ,उसके घर में ही उसका पà¥à¤¤à¥à¤° पà¥à¤°à¤¹à¥à¤²à¤¾à¤¦ à¤à¤—वान का à¤à¤•à¥à¤¤ बना हà¥à¤† था ।कà¥à¤°à¥‹à¤§ में हिरणà¥à¤¯à¤•à¤¶à¥à¤¯à¤ª à¤à¥‚ल गया की पà¥à¤°à¤¹à¥à¤²à¤¾à¤¦ उसका पà¥à¤¤à¥à¤° है। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¥‹à¤§ लेने के लिठवह अपने ही पà¥à¤¤à¥à¤° को तरह तरह के कषà¥à¤Ÿ देने लगा ,किंतॠपà¥à¤°à¤¹à¥à¤²à¤¾à¤¦ ने अपने पिता की आजà¥à¤žà¤¾ का पालन नहीं किया। पà¥à¤°à¤¹à¥à¤²à¤¾à¤¦ ने à¤à¤• ही बात कही कि वह विषà¥à¤£à¥ का नाम लेना नहीं छोड़ सकता। पà¥à¤°à¤¹à¥à¤²à¤¾à¤¦ की बà¥à¤† जिसका नाम होलिका था, वह पà¥à¤°à¤¹à¥à¤²à¤¾à¤¦ से बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¥‡à¤® करती थी नारी होने के नाते वह अपने à¤à¤¤à¥€à¤œà¥‡ पर होने वाले अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को सहन नहीं कर पा रही थी ।à¤à¤¾à¤ˆ से कà¥à¤› à¤à¥€ कहने में वहा असमरà¥à¤¥ थी। साथ ही अपने à¤à¤¤à¥€à¤œà¥‡ को बचाना à¤à¥€ चाहती थी ।उसे à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ वसà¥à¤¤à¥à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ था जो अगà¥à¤¨à¤¿ में जल नहीं सकता था। आग में अपने पà¥à¤¤à¥à¤° को जलाने का निरà¥à¤£à¤¯ जब राजा दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिया गया तो उसने बड़ी बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥€ से à¤à¤¾à¤ˆ से कहा कि उसे à¤à¤• वरदान के फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प अगà¥à¤¨à¤¿ जला नहीं सकती है। इसलिठवह पà¥à¤°à¤¹à¥à¤²à¤¾à¤¦ को लेकर अगà¥à¤¨à¤¿ में बैठजाà¤à¤—ी। अगà¥à¤¨à¤¿ पà¥à¤°à¤¹à¥à¤²à¤¾à¤¦ को जला देगी और होलिका बच जाà¤à¤—ी ।होलिका à¤à¤• नारी थी ,वातà¥à¤¸à¤²à¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• रूप से उसे पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ था ।वह केवल अपने à¤à¤¾à¤ˆ के मन को बदलना चाहती थी। वह चाहती थी कि पà¥à¤°à¤¹à¥à¤²à¤¾à¤¦ बच जाà¤à¤—ा तो हिरणà¥à¤¯à¤•à¤¶à¥à¤¯à¤ª पà¥à¤°à¤¹à¤²à¤¾à¤¦ पर अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° करना बंद कर देगा और ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का महतà¥à¤¤à¥à¤µ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ हो जाà¤à¤—ा। निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ दिन पर अगà¥à¤¨à¤¿ जलाई गई। होलिका पà¥à¤°à¤¹à¤²à¤¾à¤¦ को गोद में लेकर अगà¥à¤¨à¤¿ में बैठगई। जैसे ही अगà¥à¤¨à¤¿ पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ हà¥à¤ˆ ,होलिका ने अपना वसà¥à¤¤à¥à¤° पà¥à¤°à¤¹à¥à¤²à¤¾à¤¦ को ओढ़ा दिया और सà¥à¤µà¤¯à¤‚ अगà¥à¤¨à¤¿ में जलकर मर गई । होलिका के पास अगà¥à¤¨à¤¿ रोधक वसà¥à¤¤à¥à¤° है, इस बात को सब जानते थे ,किंतॠजब होलिका मर गई तो सà¤à¥€ लोगों ने होलिका के पवितà¥à¤° मंतवà¥à¤¯ को समà¤à¤¾ और उसकी राख को पवितà¥à¤° समठकर अपने माथे से लगाकर अपनी कृतजà¥à¤žà¤¤à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ की ।उसकी जय-जयकार करने लगे और अपनी पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ रंगों से खेल कर पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ की ।इस तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° को होलिका की याद में होली के उतà¥à¤¸à¤µ के रूप में मनाया जाता है । आज हम होलिका को à¤à¤• विलेन समà¤à¤¤à¥‡ हैं।उसे असतà¥à¤¯ और अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• मान पà¥à¤°à¤¹à¤²à¤¾à¤¦ का हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾ समठकर उसे धिकà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¤à¥‡ हैं ,जबकि वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ में वह à¤à¤• आदरà¥à¤¶ वातà¥à¤¸à¤²à¥à¤¯à¤®à¤¯à¥€ नारी थी ,जिसने à¤à¤• बचà¥à¤šà¥‡ को बचाने के लिठअपनी बलि दे दी। हिरणà¥à¤¯à¤•à¤¶à¥à¤¯à¤ª का मन तो नहीं बदला ,परंतॠपà¥à¤°à¤¹à¤²à¤¾à¤¦ की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठà¤à¤—वान को नृसिंह रूप में आना पड़ा और पà¥à¤°à¤¹à¤²à¤¾à¤¦ की रकà¥à¤·à¤¾ की। इस आदरà¥à¤¶ नारी की सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ आज à¤à¥€ हम होलिका के रूप में मनाते हैं किंतॠउसके वातà¥à¤¸à¤²à¥à¤¯ के सà¥à¤µà¤°à¥‚प को नहीं समà¤à¤¤à¥‡à¥¤ हमें होली उसके इस सà¥à¤¨à¥‡à¤¹à¤®à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚प को समठकर ही मनानी चाहिà¤à¥¤