बाबा हरदेव सिंह महाराज की याद में आज हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° सतà¥à¤¸à¤‚ग à¤à¤µà¤¨ में समरà¥à¤ªà¤£ दिवस के रूप में मनाया गया। जिसमें सतà¥à¤¸à¤‚ग का आयोजन किया गया और à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के लिये लंगर की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की गई।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 13मई, 2022: बाबा हरदेव सिंह महाराज की याद में आज हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° सतà¥à¤¸à¤‚ग à¤à¤µà¤¨ में समरà¥à¤ªà¤£ दिवस के रूप में मनाया गया। जिसमें सतà¥à¤¸à¤‚ग का आयोजन किया गया और à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के लिये लंगर की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की गई। यà¥à¤—दृषà¥à¤Ÿà¤¾ बाबा हरदेव सिंह जी का दिवà¥à¤¯, सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯ सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ व उनकी विशाल अलौकिक सोच, मानव कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ थी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पूरà¥à¤£ समरà¥à¤ªà¤£, सहनशीलता à¤à¤µà¤‚ विशालता वाले à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ से यà¥à¤•à¥à¤¤ होकर बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ रूपी सतà¥à¤¯ के संदेश को जन-जन तक पहà¥à¤‚चाया और विशà¥à¤µà¤¬à¤¨à¥à¤§à¥à¤¤à¥à¤µ की परिकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ को वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• रूप पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया। बाबा हरदेव सिंह जी ने 36 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक सतà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ रूप में निरंकारी मिशन की बागडोर संà¤à¤¾à¤²à¥€à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• जागृति के साथ-साथ समाज कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठà¤à¥€ अनेक कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को रूपरेखा पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की, जिनमें मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤ƒ रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨, बà¥à¤²à¤¡ बैंक का गठन, नेतà¥à¤° जांच शिविर, वृकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨, सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ आदि के आयोजन का बहà¥à¤®à¥‚लà¥à¤¯ योगदान रहा। à¤à¤• आदरà¥à¤¶ समाज की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ हेतॠमहिला सशकà¥à¤¤à¤¿à¤•à¤°à¤£ à¤à¤µà¤‚ यà¥à¤µà¤¾à¤“ं की ऊरà¥à¤œà¤¾ को नया आयाम देने के लिठà¤à¥€ बाबा जी ने कई परियोजनाओं को आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ दिया। इसके अतिरिकà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• आपदाओं के समय में à¤à¥€ उनके निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¨ में मिशन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निरंतर सेवाà¤à¤‚ निà¤à¤¾à¤ˆ गई। बाबा जी ने मानवता का दिवà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚प बनाने हेतॠनिरंकारी संत समागमों की अविरल शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला को निरंतर आगे बढ़ाया जिसमें उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¤à¥€ को जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤°à¥‚पी धागे में पिरोकर पà¥à¤°à¥‡à¤® à¤à¤µà¤‚ नमà¥à¤°à¤¤à¤¾ जैसे दिवà¥à¤¯ गà¥à¤£à¥‹à¤‚ से परिपूरà¥à¤£ किया इंसानियत ही मेरा धरà¥à¤® है इस कथन को चरितारà¥à¤¥ करते हà¥à¤ संत निरंकारी मिशन की शिकà¥à¤·à¤¾ को छोटे-छोटे कसà¥à¤¬à¥‹à¤‚ से लेकर दूर देशों तक बाबा जी ने विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सदैव यही समà¤à¤¾à¤¯à¤¾ कि à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ की धारा जीवन में निरंतर बहती रहनी चाहिà¤à¥¤ बाबा हरदेव सिंह जी को मानव मातà¥à¤° की सेवाओं में अपना उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ योगदान देने के लिठदेश-विदेश में समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ à¤à¥€ किया गया। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 27 यूरोपीय देशों की पारà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤¾à¤®à¥‡à¤‚ट ने विशेष तौर पर समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया और मिशन को संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° (यू.à¤à¤¨.) का मà¥à¤–à¥à¤¯ सलाहकार à¤à¥€ बनाया गया। साथ ही विशà¥à¤µ में शांति सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने हेतॠअंरà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¥€ समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया। सतà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ माता सà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ जी महाराज बाबा हरदेव सिंह जी कि सिखलाईयों का जिकà¥à¤° करते हà¥à¤ कहते हैं कि बाबा जी ने अपना संपूरà¥à¤£ जीवन ही मानव मातà¥à¤° की सेवा में अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर दिया। मिशन का 36 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक नेतृतà¥à¤µ करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• à¤à¤•à¥à¤¤ को मानवता का पाठपढ़ाकर उनके कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ किया बाबा जी ने जीवन के हर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सदैव सरà¥à¤µà¤¶à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ निरंकार की इचà¥à¤›à¤¾ पर विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ करने पर बल दिया। सतà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ माता जी अकà¥à¤¸à¤° कहते है कि हम अपने करà¥à¤® रूप में à¤à¤• सचà¥à¤šà¥‡ इंसान बनकर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤² समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ à¤à¤¾à¤µ से अपना जीवन जीये. यही सही मायनों में बाबा जी के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ हमारा सबसे बड़ा समरà¥à¤ªà¤£ होगा और उनकी शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं पर चलते हà¥à¤ हम उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सचà¥à¤šà¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ कर सकते है। मानव कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ सतà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ बाबा हरदेव सिंह जी जीवनपरà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ à¤à¤• आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤• के रूप में मानवता को सतà¥à¤¯ का मारà¥à¤— दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¥‡ रहे। इस दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ को सकारातà¥à¤®à¤• सà¥à¤µà¤°à¥‚प देते हà¥à¤ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ सतà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ माता सà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ जी महाराज à¤à¤• नई ऊरà¥à¤œà¤¾ à¤à¤µà¤‚ तनमयता के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। सतà¥à¤—à¥à¤°à¥ माता सà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ जी ने कहा कि इस समय में जहां हर ओर वैर, ईरà¥à¤·à¥à¤¯à¤¾, दà¥à¤µà¥‡à¤· का वातावरण वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है. पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• मानव दूसरे मानव का केवल अहित ही करने में लगा हà¥à¤† है। à¤à¤¸à¥‡ समय में बाबा हरदेव सिंह जी के पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤• संदेश कि कà¥à¤› à¤à¥€ बनो मà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤• है पर पहले तà¥à¤® इंसान बनो,' 'दीवार रहित संसार,' 'à¤à¤• को मानो, à¤à¤• को जानो, à¤à¤• हो जाओ आदि को जीवन में अपनाने की नितांत आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। तà¤à¥€ सही मायनों में विशà¥à¤µ में अमन और शांति का वातावरण सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हो सकता है।