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श्री केदारनाथ धाम में घोड़ों की मौतों पर यात्रा, श्रधालुओं को यात्रा में महामारी का खतरा?


श्री केदारनाथ पैदल मार्ग पर भारी मात्रा में श्रद्धालुओं को यात्रा करा रहे घोड़े सफाई ना होने के कारण बीमार हो रहे हैं और श्री केदारनाथ धाम के पूरे रास्ते में जगह जगह घोड़ों की मौत हो रही है केदारनाथ प्रशासन मरे घोड़ों के दफनाने के ₹15000 ले रहे हैं जिसके कारण घोड़े वाले घोड़ों को रास्ते में ही मरा छोड़ देते हैं एवं पहाड़ों से गिरने वाले झरनों में फैंक कर पौलोथिन से ठक देते है और केदारनाथ से निकलने वाली पवित्र नदी मंदाकिनी मैं भी फेंक देते हैं जिससे मंदाकिनी के पवित्र जल को दूषित किया जा रहा है नदी में सैकड़ों घोड़ों की डेड बॉडी तैर रही हैं कुछ वहीँ पर पड़ी सड़ रही है जिससे महामारी फैलने का भी खतरा बड गया है|

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

उत्तराखंड में दो वर्ष से कोरोना महामारी के चलते चार धाम यात्रा नहीं हो पाई थी लेकिन इस वर्ष कोरोनावायरस का प्रकोप कम होते ही लोगों की भी आस्था जाग गई और विगुल के साथ चार धाम यात्रा का शुभारंभ बड़ी धूमधाम से सरकार ने कर दिया लेकिन सरकार इतनी भारी मात्रा में इंतजाम नहीं कर पाई सरकार श्री केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर चल रहे हजारों घोड़ों से टैक्स वसूलना तो याद रहा लेकिन सफाई करना भूल गई इसी भूल के कारण रोजाना बेजुबान दर्जनों घोड़े अपने प्राण त्याग रहे हैं? श्री केदारनाथ पैदल मार्ग पर भारी मात्रा में श्रद्धालुओं को यात्रा करा रहे घोड़े सफाई ना होने के कारण बीमार हो रहे हैं और श्री केदारनाथ धाम के पूरे रास्ते में जगह जगह घोड़ों की मौत हो रही है केदारनाथ प्रशासन मरे घोड़ों के दफनाने के ₹15000 ले रहे हैं जिसके कारण घोड़े वाले घोड़ों को रास्ते में ही मरा छोड़ देते हैं एवं पहाड़ों से गिरने वाले झरनों में फैंक कर पौलोथिन से ठक देते है और केदारनाथ से निकलने वाली पवित्र नदी मंदाकिनी मैं भी फेंक देते हैं जिससे मंदाकिनी के पवित्र जल को दूषित किया जा रहा है नदी में सैकड़ों घोड़ों की डेड बॉडी तैर रही हैं कुछ वहीँ पर पड़ी सड़ रही है जिससे महामारी फैलने का भी खतरा बड गया है स्थानीय प्रशासन न तो घोड़ों की डेड बॉडीयों सही से दफना रहा है और नाही इस मामले को लेकर अपनी गंभीरता दिखा रहा है जबकि एनजीटी के आदेश अनुसार पवित्र नदियों में धार्मिक सामग्री भी गिराने पर ₹50000 से ₹100000 तक का जुर्माना एवं 5 वर्ष की सजा उल्लंघन करने पर दोनों का प्रावधान है लेकिन केदारनाथ, गौरीकुंड का स्थानीय प्रशासन पूरे गौरीकुंड में गंदगी एवं घोड़ों की डेड बॉडी को गिरावा कर मंदाकिनी के पवित्र जल को प्रदूषित करा रहा है| गौरीकुंड में बने घोड़ा स्टैंड में घोड़ों की लीद एवं पेशाब की इतनी गंदगी है की वह गारे में तब्दील हो गई है उसी जगह पर मरे हुए घोड़ों को समाधि दी जा रही है जहां पर मरे हुए घोड़ों के अंग जमीन से बाहर निकल रहे हैं और सड रहे हैं बदबू इतनी कोई भी इंसान वहां पर खड़ा नहीं हो सकता वहां के लोंगों का कहना है कि एक महीने तक उस स्टैंड की सफाई नहीं होती जहां पर हजारों घोड़े रहते हैं इसी कारण घोड़े बीमारियों का शिकार हो रहे हैं जिसके कारण लगातार रोजाना दर्जनों घोड़ों की मौतें हो रही हैं लेकिन यहां का स्थानीय प्रशासन ना तो सफाई पर ही ध्यान दे रहा है और ना ही घोड़ों की मौत होने का कारण जान रहा है जानवरों जानवरों के डॉक्टर घोडा स्टेंड पर जाने से कतरा रहे है| लेकिन यहां का प्रशासन विशेष सफाई अभियान की प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपनी स्वयं ही पीठ थपथपा रहा है जबकि वहां की सच्चाई बयां कर रही हैं वहां की खींची गई ताजा तस्वीरें जो प्रशासन एवं सरकार की यात्रा की पोल खोल रही हैं ना तो श्री केदारनाथ यात्रा के दौरान आने वाले हजारों श्रद्धालु ही सुरक्षित हैं और ना ही बेजुबान जानवर जबकि यात्रा कराने वाले एक घोड़े से ₹200 आने का एवं ₹200 जाने का टैक्स वसूला जाता है उसके बावजूद भी सरकार एवं स्थानीय प्रशासन सफाई देने में भी नाकाम साबित हो रही है जिसकी वजह से घोड़ों की लगातार मौत का कारण बन रही है।

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