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शांतिकुंज की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा की २८वीं पुण्यतिथि मनाई


शांतिकुंज में नारी जागरण को समर्पित रही अखिल विश्व गायत्री परिवार की संस्थापिका वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा की २८वीं पुण्यतिथि मनाई गयी। इस अवसर पर शांतिकुंज के मुख्य सभागार में महिला मण्डल की बहिनों के संचालन में तथा देवसंस्कृति विश्वविद्यालय स्थित प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में विद्यार्थियों द्वारा भव्य दीपमहायज्ञ का आयोजन सम्पन्न किया गया। जिसमें सैकड़ों परिजनों, विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। इसके साथ ही सामूहिक प्रार्थना सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार 10 सितंबर। शांतिकुंज में नारी जागरण को समर्पित रही अखिल विश्व गायत्री परिवार की संस्थापिका वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा की २८वीं पुण्यतिथि मनाई गयी। इस अवसर पर शांतिकुंज के मुख्य सभागार में महिला मण्डल की बहिनों के संचालन में तथा देवसंस्कृति विश्वविद्यालय स्थित प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में विद्यार्थियों द्वारा भव्य दीपमहायज्ञ का आयोजन सम्पन्न किया गया। जिसमें सैकड़ों परिजनों, विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। इसके साथ ही सामूहिक प्रार्थना सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए। इस अवसर पर शांतिकुंज के अंतेवासी कार्यकर्त्तागण एवं देश के विभिन्न कोने से आये श्रद्धालुओं ने सामूहिक श्राद्धकर्म किया। इस दौरान आचार्यों ने परम वन्दनीया माताजी के मातृत्व, कर्तृत्व एवं व्यक्तित्व को याद करते हुए उनके बताये सूत्रों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया। अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या एवं संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि वंदनीया माताजी ने बाल्यावस्था से ही नारियों के समान अधिकार के लिए काम करती रही। मानव मात्र के उत्थान के लिए उन्होंने विभिन्न रचनात्मक कार्यक्रमों को प्रारंभ किया और उसे गति दी। उन्होंने सन् १९७१ से नारी उत्थान एवं महिला सशक्तिकरण के लिए काम करना प्रारंभ कर दिया था। माताजी द्वारा संचालित कार्यक्रमों के आधार पर शांतिकुुंज में आज भी महिलाओं के लिए पौरोहित्य, संगीत, स्वावलंबन सहित विभिन्न गतिविधियाँ संचालित हो रही है। यहाँ से प्रशिक्षण लेने के बाद अब तक हजारों बहिनें अपने परिवार को आर्थिक संबल प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ऋषियुग्म द्वारा निर्देशित समाज उत्थान के सूत्रों पर आधारित विभिन्न रचनात्मक कार्यक्रमों को गायत्री तीर्थ व देव संस्कृति विश्वविद्यालय गति देने के लिए संकल्पित है। वहीं दूसरी ओर श्राद्ध पक्ष प्रारंभ होने के साथ ही गायत्री तीर्थ श्राद्ध कर्म, तर्पण आदि का संस्कार क्रम भी प्रारंभ हो गया। गौरतलब है कि शांतिकुंज में होने वाले प्रत्येक संस्कार निःशुल्क सम्पन्न कराये जाते हैं।

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