अकà¥à¤¸à¤° पेट में कबà¥à¤œ, पेट की गरà¥à¤®à¥€ ,दाà¤à¤¤ से जीठकटने या किसी अनà¥à¤¯ कारण से जब मà¥à¤à¤¹ में छाले हो जाते है तो कà¥à¤› à¤à¥€ खाना-पीना व निगलना तक बहà¥à¤¤ ही मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हो जाया करता है। और जब जीठपर à¤à¥€ छाले हो जाया करते हैं तब तो बहà¥à¤¤ ही असहनीय हालत हो जाती है à¤à¤¸à¥€ हालत में कà¥à¤› à¤à¥€ न खाते न उगलते ही बनता है।
रिपोर्ट - वैध दीपक कà¥à¤®à¤¾à¤°
अकà¥à¤¸à¤° पेट में कबà¥à¤œ, पेट की गरà¥à¤®à¥€ ,दाà¤à¤¤ से जीठकटने या किसी अनà¥à¤¯ कारण से जब मà¥à¤à¤¹ में छाले हो जाते है तो कà¥à¤› à¤à¥€ खाना-पीना व निगलना तक बहà¥à¤¤ ही मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हो जाया करता है। और जब जीठपर à¤à¥€ छाले हो जाया करते हैं तब तो बहà¥à¤¤ ही असहनीय हालत हो जाती है à¤à¤¸à¥€ हालत में कà¥à¤› à¤à¥€ न खाते न उगलते ही बनता है। आइये हम आपको कà¥à¤› आसान से घरेलॠउपाय बताते है जिससे आपको अवशà¥à¤¯ ही लाठमिलेगा । सूखे पान के पतà¥à¤¤à¥‡ का चूरà¥à¤£ बनाकर इस चूरà¥à¤£ को शहद में मिलाकर दिन में 3-4 बार चाटना चाहिà¤à¥¤ शहद में मà¥à¤²à¤¹à¤ ी का चूरà¥à¤£ मिलाकर इसका लेप मà¥à¤à¤¹ के छालों पर करें और लार को मà¥à¤à¤¹ से बाहर टपकने दें। छोटी हरड़ को महीन पीसकर छालों पर लगाने से मà¥à¤à¤¹ तथा जीठके छालों से निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से छà¥à¤Ÿà¤•à¤¾à¤°à¤¾ मिलता है। इसे दिन में दो तीन बार अवशà¥à¤¯ ही लगायें। तà¥à¤²à¤¸à¥€ की चार-पाà¤à¤š पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ नितà¥à¤¯ सà¥à¤¬à¤¹ और शाम चबाकर ऊपर से दो घूà¤à¤Ÿ पानी पीयें। मà¥à¤à¤¹ के छाले शीघà¥à¤° ठीक जाते है । मà¥à¤à¤¹ में छाले होने पर सà¥à¤¬à¤¹ शाम अडूसा के 2-3 पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को चबाकर उनका रस चूसना चाहिà¤à¥¤ पान लगाने वाले कतà¥à¤¥à¥‡ को मà¥à¤¹à¤ के छालों में लगाने से जलà¥à¤¦ लाठमिलता है । अमरूद के कोमल ताजे पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ में कतà¥à¤¥à¤¾ मिलाकर पान की तरह चबाने से à¤à¥€ मà¥à¤à¤¹ के छाले ठीक हो जाते हैं। कतà¥à¤¥à¤¾, मà¥à¤²à¤¹à¤ ी का चूरà¥à¤£ और शहद मिलाकर मà¥à¤à¤¹ के छालों पर तीन चार दिन तक दिन में 2-3 बार लगाना चाहिà¤à¥¤ दिन में 3-4 बार शà¥à¤¦à¥à¤§ घी या मकà¥à¤–न को मà¥à¤à¤¹ के छालों में लगाना चाहिठ। मिशà¥à¤°à¥€ को बारीक पीसकर उसमें थोड़ा सा कपूर मिलाकर छालों में लगायें। नींबू के रस में शहद मिलाकर इसके कà¥à¤²à¥à¤²à¥‡ करने से à¤à¥€ मà¥à¤à¤¹ के छाले शीघà¥à¤° दूर होते हैं। मà¥à¤¹à¤ के छाले होने पर अमृतधारा में शहद मिलाकर उसे दिन में 3-4 बार रà¥à¤ˆ से लगाना चाहिठ। दो गà¥à¤°à¤¾à¤® à¤à¥à¤¨à¤¾ हà¥à¤† सà¥à¤¹à¤¾à¤—ा का बारीक चूरà¥à¤£ पनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¹ गà¥à¤°à¤¾à¤® गà¥à¤²à¥€à¤‚सरीन में मिलाकर दिन में दो तीन बार मà¥à¤à¤¹ à¤à¤µà¤‚ जीठके छालों पर लगायें। पानी में नारियल का तेल मिलाकर उसके गरारे करने से à¤à¥€ जलà¥à¤¦à¥€ लाठमिलता है । अलसी के कà¥à¤› दाने दिन में 2-3 बार चबाने से à¤à¥€ मà¥à¤¹à¤ के छालों में आराम मिलता है । नीम के टूथपेसà¥à¤Ÿ या नीम के मंजन से à¤à¥€ मà¥à¤à¤¹ के छालों में आराम मिलता है । मà¥à¤¹à¤ के छाले होने पर मिरà¥à¤š मसाले, आचार, तमà¥à¤¬à¤¾à¤•à¥‚,दही या खटà¥à¤Ÿà¥‡ पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ का सेवन बिलकà¥à¤² à¤à¥€ नहीं करना चाहिठ।