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परमार्थ निकेतन गंगा तट पर डिजिटल कलात्मक श्री रामलीला मंचन की शुरूआत


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती की प्रेरणा, दिव्य मार्गदर्शन और आशीर्वाद से परमार्थ निकेतन में राष्ट्रीय बाल युवा संस्कार योजना के अन्तर्गत भावात्मक श्री राम कथा के संग विद्यालय व गुरूकुल के विद्यार्थियों द्वारा डिजिटल कलात्मक श्री रामलीला मंचन का आज परमार्थ निकेतन, गंगा तट पर शुभारम्भ हुआ।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती की प्रेरणा, दिव्य मार्गदर्शन और आशीर्वाद से परमार्थ निकेतन में राष्ट्रीय बाल युवा संस्कार योजना के अन्तर्गत भावात्मक श्री राम कथा के संग विद्यालय व गुरूकुल के विद्यार्थियों द्वारा डिजिटल कलात्मक श्री रामलीला मंचन का आज परमार्थ निकेतन, गंगा तट पर शुभारम्भ हुआ। परमार्थ निकेतन और अन्तर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव समिति के संयुक्त तत्वाधान में पं गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास के सहयोग से यह आयोजन किया जा रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय श्री रामलीला महोत्सव का उद्घाटन परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री उत्तराखंड सरकार, धनसिंह रावत , राष्ट्र मन्दिर, विश्व रामायण आश्रम, दिल्ली अजय भाई और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर इस दिव्य महोत्सव का शुभारम्भ किया स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि रामायण का न केवल आध्यात्मिक बल्कि सांस्कृतिक महत्व भी है। इसमें जीवन के आदर्श और शाश्वत मूल्य समाहित हैं। जीवन के सर्वोच्च एवं दिव्य आदर्शों से युक्त इस महाग्र्रंथ में भगवान श्री राम जी के उदार चरित्र का अद्भुत वर्णन किया गया है, जो हर युग के लिये प्रासंगिक है। रामायण केवल एक सद्साहित्य नहीं बल्कि सद्गुणों, सद्विचारों, सद्व्यवहार और सदाचरण का समुच्चय हैं।

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